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बालाघाट18 मिनट पहले
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बालाघाट जिले में कान्हा नेशनल पार्क की सीमा से लगे गांव में रविवार को एक बाघ दिखा। बाघ घायल है, उसे देखने के लिए सैकड़ों लोग कोहका गांव पहुंच गए।
बाघ की पसलियों के पास चोट का निशान दिखाई दे रहा है। करीब चार घंटे तक लोग उसको देखते रहे। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची वन विभाग और कान्हा नेशनल पार्क की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है।
![पांच घंटे से बाघ तालाब के पास बैठा है। उसे चलने में भी दिक्कत हो रही है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/04/cf21fe6f-b09f-4865-a63f-6011bc2f14f7_1685878332221.jpg)
पांच घंटे से बाघ तालाब के पास बैठा है। उसे चलने में भी दिक्कत हो रही है।
आपसी संघर्ष में चोट की आशंका
लोगों की मानें तो घायल बाघ तकरीबन 5 घंटे से ज्यादा समय से बैठा है। कैमरे में कैद बाघ के मूवमेंट से लगता है कि उसकी हालत गंभीर है। हालांकि यह साफ नहीं है कि बाघ को क्या हुआ है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि आपसी संघर्ष या शिकार में उसे चोट लगी है। वन विभाग की टीम पहुंच गई है और वह घायल बाघ पर नजर बनाए है।
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दो हाथियों की मदद से रेस्क्यू
वन विभाग की सूचना पर कान्हा नेशनल पार्क की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। उन्होंने बाघ का रेस्क्यू शुरू कर दिया है। टीम अपने साथ दो हाथियों को लेकर आई है। इनकी मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि जल्द बाघ का रेस्क्यू कर लेंगे। चोट के कारण बाघ ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।
![कान्हा नेशनल पार्क की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। टीम अपने साथ दो हार्थियों को लेकर आई है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/04/whatsapp-image-2023-06-04-at-171905_1685880183.jpeg)
कान्हा नेशनल पार्क की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। टीम अपने साथ दो हार्थियों को लेकर आई है।
नेशनल पार्क व जंगल में 200 से ज्यादा बाघ
बाघों की अधिकता के कारण ही प्रदेश को टाइगर सिटी का दर्जा मिला है। जिले के घने जंगलों के साथ ही कान्हा नेशनल पार्क में 200 से ज्यादा बाघ हैं। बाघों की अधिकता के कारण देश और विदेश से पर्यटक, यहां बाघों को प्राकृतिक वातावरण में देखने आते हैं।
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