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मनीष सोनी (राजगढ़, भोपाल)31 मिनट पहले

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MP में एक अप्रैल से लागू नई शराब नीति के तहत शराब दुकानों पर मौजूद अहाते बंद कर दिए गए हैं, लेकिन अब ठेलों और खुले मैदान में जमकर शराब पी जा रही है।

मध्यप्रदेश में नई शराब नीति के तहत 1 अप्रैल से अहाते बंद कर दिए गए। यानी अब शराब दुकान पर बैठकर शराब पीते मिले, तो कार्रवाई हो सकती है। 5 दिन बाद जब नई नीति की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की गई, तो जमीनी हकीकत सामने आई।

दैनिक भास्कर टीम ने प्रदेश के 7 जिलों में स्थित शराब दुकानों पर रियलिटी चेक किया। इसमें सभी जगह स्थिति एक जैसी नजर आई। अहातों में ताले जरूर लटके हैं, लेकिन, दुकान के सामने पीने वालों का जमावड़ा है। आसपास मौजूद ठेलों पर नशेड़ियों की भीड़ है। झाड़ियों में छिपकर झुंड में युवकों की टोलियां जाम झलका रही है। कहीं-कहीं तो होटलों, ढाबों और चाय-पानी की दुकानों पर भी शराब की बोतलें खाली हो रही हैं।

नई शराब नीति के प्रावधान लागू होने के बाद की हकीकत …

यह नजारा राजगढ़ जिले के खिलचीपुर के सोमवारिया हाइवे स्थित शराब दुकान का है। यहां तो दुकान के बगल में ही बैठकर शराब पीते दिखाई दे रहे हैं।

यह नजारा राजगढ़ जिले के खिलचीपुर के सोमवारिया हाइवे स्थित शराब दुकान का है। यहां तो दुकान के बगल में ही बैठकर शराब पीते दिखाई दे रहे हैं।

राजगढ़- शराब दुकान के सामने बैठे पी रहे

जगह: खिलचीपुर स्थित सोमवारिया हाइवे की शराब दुकान। समय: शाम 4 बजे।

यहां दुकान पर पहले की तरह शराब पीने वालों का जमावड़ा नजर आया। कुछ तो दुकान के गेट पर ही शराब पीते दिखाई दिए। कुछ दुकान के बाहर टोलियों में नशा करते नजर आए। इसे लेकर दुकानदार से सवाल किए, तो उन्होंने क्या कहा पढ़ लीजिए…

  • सवाल: शराब को लेकर नया नियम आ गया है। यहां बैठाकर शराब क्यों पिलाई जा रही है?
  • जबाव: नहीं सर, मैं सबको मना करता हूं। यहां बैठकर नहीं पिला रहे हैं।
  • सवाल: ये लोग तो आपके सामने पी रहे हैं?
  • जबाव: मैं चिल्लाता हूं, लेकिन लोग जबरन बहस करते हैं।
  • सवाल: आप नए नियम नहीं को नहीं मानते क्या?
  • जबाव: मैं तो पूरा पालन करता हूं, लेकिन ये लोग मानते नहीं हैं। ये बिना पुलिस के नहीं मानेंगे।

इधर, जिला आबकारी अधिकारी केदार सिंह मैकाले का कहना है कि मैं खुद दुकानों पर जाकर देख रहा हूं। हर दुकान पर एक-एक व्यक्ति को लाइसेंसी दुकान पर बिठाया है। वह शराब पीने वालों को भगा रहा है। हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि राजगढ़ में भी ऐसी तस्वीरें सामने आई, जिसमें लोग शराब की दुकान के आगे बैठकर शराब पीते दिखे हैं। जवाब में आबकारी अधिकारी का कहना है कि शराब के ठेके के आगे तो नहीं होगा।

राजगढ़ जिले में शराब दुकान के बगल में मौजूद झाड़ियों में ही शराबियों के नए अड्‌डे बन गए हैं। कुछ तो बाइक पर बैठकर शराब पीते दिखे।

राजगढ़ जिले में शराब दुकान के बगल में मौजूद झाड़ियों में ही शराबियों के नए अड्‌डे बन गए हैं। कुछ तो बाइक पर बैठकर शराब पीते दिखे।

बैतूल में अहाते बंद, खुली जगहों पर पी रहे शराब

स्थान: गंज स्थित शराब दुकान, समय: दोपहर 3 बजे

जिले में शराब दुकानों के 19 समूह की 64 दुकानों संचालित है। 6 नए समूह लाइसेंसी हैं, जबकि 13 समूह पुराने ठेकेदार हैं। यहां अहाता बंद कर दिए गए, लेकिन शराब पीने वालों पर असर इसका कम ही दिखाई दिया है। कुछ तो शराब खरीदते ही दुकान के सामने ही पीने लग जाते हैं, तो कुछ आसपास खुले में महफिल जमाते हैं। शाम ढलते ही खुले में शराब पीने वालों की तादाद बढ़ जाती है। बैतूल गंज के दुकान संचालक ईशान जैसवाल के मुताबिक अहाते बंद होने से व्यापार का नुकसान हो रहा है। दुकान के आसपास गंदगी बढ़ रही है। अब लोग शराब लेकर दुकान के आसपास ही शराब पीने लगते हैं। इससे टूटी बोतलें, डिस्पोजल की गंदगी बढ़ गई है। खर्च बढ़ रहा है। अब लोगों को दुकान के पास पीने से मना करना पड़ता था। अहाते थे तो लोग अंदर बैठ कर पी लेते थे। अब खुले में पी रहे हैं।

बैतूल में अहातों के बंद होने से लोग दुकान के सामने ही शराब पीने लगते हैं।

बैतूल में अहातों के बंद होने से लोग दुकान के सामने ही शराब पीने लगते हैं।

धार: होटल-ढाबों पर आबकारी विभाग की नजर

यहां कुल 63 अहाते बंद हो चुके हैं। तीन शराब दुकानों का स्थान भी नई नीति के चलते बदला गया है। मार्च महीने में शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया होने के बाद 1 अप्रैल से दुकानों का संचालन शुरू हो गया है। अहातों के बंद होने का असर पीने वालों पर दिखाई दे रहा है। लोग शराब दुकानों के आसपास झुंड बनाकर शराब पीते दिख रहे हैं। हालांकि जिले में अहातों के बजाय होटल-ढाबों पर पीने का चलन ज्यादा है। इसके तहत प्रथम चरण में विभाग के अधिकारी फोरलेन मार्गों पर स्थित होटल, ढाबों की सघन चैकिंग कर अवैध शराब को जब्त कर रहे हैं। साथ ही अवैध मदिरा विक्रय करने वाले आरोपियों को अरेस्ट किया जा रहा है।

सहायक आबकारी आयुक्त विक्रम दीप सांगर के अनुसार अहाते बंद होने के बाद अब होटलों व ढाबों को लेकर विशेष प्लान कार्रवाई के लिए तैयार किया है। इसमें सभी सर्कल अधिकारी रात के समय प्रतिदिन ढाई घंटे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्रवाई को लेकर चैकिंग अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत अवैध शराब को जब्त करने के साथ ही बेचने वालों को भी अरेस्ट किया जा रहा है। जिले के कुक्षी, मनावर, सागौर, सरदारपुर, मनावर क्षेत्र में कार्रवाई की गई। इस दौरान 39 हजार रुपए की शराब को जब्त किया है।

धार जिले में आबकारी विभाग कार्रवाई में जुटा है। दरअसल, यहां अहातों की जगह ढाबों पर शराब पीने का चलन ज्यादा है। ऐसे में विभाग ने कुक्षी, मनावर, सागौर, सरदारपुर, मनावर क्षेत्र में कार्रवाई की है।

धार जिले में आबकारी विभाग कार्रवाई में जुटा है। दरअसल, यहां अहातों की जगह ढाबों पर शराब पीने का चलन ज्यादा है। ऐसे में विभाग ने कुक्षी, मनावर, सागौर, सरदारपुर, मनावर क्षेत्र में कार्रवाई की है।

सतना: चना-मूंगफली वालों के ठेलों पर भीड़

सतना में शराब दुकानों के पास खुले अहाते अब बंद पड़े हैं। हालांकि सुरा प्रेमी आसपास लगने वाले चना- मूंगफली और अंडे के ठेलों के पास चोरी- छिपे सुरा पान करते हमेशा की तरह अभी भी कहीं कहीं नजर आ ही जाते हैं। सरकार की नई शराब नीति आने के बाद लाइसेंसी अहाते तो बंद हो गए हैं, लेकिन रोड साइड जगह-जगह लोग शराब पीते नजर आ रहे हैं।

विदिशा की यह शराब दुकान पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि एक अप्रैल के बाद अहाते बंद हो गए हैं। शराब पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।

विदिशा की यह शराब दुकान पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि एक अप्रैल के बाद अहाते बंद हो गए हैं। शराब पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।

विदिशा: अहातों पर ताले, ठेलों और सड़क किनारे जमावड़ा

विदिशा में शराब दुकान के अहातों पर ताले लगे हैं। शराब दुकान के अहाते बंद होने से अब लोग खुलेआम आसपास लगने वाले हाथ ठेलों, सड़क किनारे खड़े होकर शराब पीते नजर आने लगे हैं। जिससे राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। दुकान पर बैठे कर्मचारी का कहना है कि एक अप्रैल के बाद अहाते बंद हो गए हैं। शराब पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।

रायसेन: दशहरा मैदान बना ठिकाना

रायसेन शहर में शराब की 3 दुकानें हैं, जबकि जिलेभर में 65 दुकानें हैं। इनमें से शहर की 3 दुकानों में से भोपाल मार्ग पर स्थित बस स्टैंड के स्थित शराब दुकान के सामने ही छोटी मोटी दुकानें संचालित होती हैं, जिन पर रोज शाम के समय लोग शराब दुकान से शराब लेकर उन दुकानों पर पीते नजर आते हैं। वहीं, शहर का दशहरा मैदान रोज रात के समय यहां शराबियों का अड्डा बन जाता है। शहर काे एजुकेशन हब कहा जाता है। वहीं, शहर के गोपालपुर वाली शराब दुकान का अहाता, तो बंद हो गया है, पर उसके पास में ही एक दुकान है, जिसमें लोग आकर शराब पीते हैं।

मंदसौर स्थित शराब दुकान पर मौजूद कर्मचारी का कहना है कि कैंपस में किसी को भी शराब नहीं पीने दी जा रही है। हालांकि, कुछ लोग मानते नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सख्ती से भगाया जा रहा है।

मंदसौर स्थित शराब दुकान पर मौजूद कर्मचारी का कहना है कि कैंपस में किसी को भी शराब नहीं पीने दी जा रही है। हालांकि, कुछ लोग मानते नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सख्ती से भगाया जा रहा है।

मंदसौर: ठेलों पर लग रही भीड़

इधर, मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित एक शराब दुकान पर अहाते बंद नजर आए। ठेके के कैंपस में कोई शराब पीता नजर नहीं आया। लेकिन, नजदीक स्थित ठेलों और दुकानों पर शराब पीने वालों की भीड़ देखी गई। कुछ जगह पर मैदानों में भी शराब पीने वालों की भीड़ जमा होने लगाी है।

अब पढ़िए नई शराब नीति में क्या है प्रावधान

नई शराब नीति के तहत प्रदेश में अब जितने भी अहाते हैं, उन्हें बंद किया जा रहा है। शॉप बार में शराब पीने की अनुमति थी। शराब दुकानों से केवल शराब की बिक्री होगी, बल्कि बैठकर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के लाइसेंस भी सस्पेंड होंगे। वहीं, अब शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओं, गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, हॉस्टल से 100 मीटर के दायरे में शराब दुकानें संचालित नहीं होगी। पहले यह दूरी 50 मीटर थी।

इनपुट: बैतूल से इरशाद हिंदुस्तानी, धार से पीयूष जैन, सतना से विष्णुकांत त्रिपाठी, विदिशा से कपिल जैन, मंदसौर से दीपक शर्मा, रायसेन से देव शाक्य

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