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38 मिनट पहले
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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक़्कर फलों के रस से बने पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। सूर्य चंदन आभूषण अर्पित कर महाकाल का श्रृंगार किया।
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मस्तक पर चन्दन का सूर्य, ड्रायफ्रूट से श्रृंगार, सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।
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भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।
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