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छतरपुर (मध्य प्रदेश)6 मिनट पहले
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छतरपुर के सबसे बड़े शिक्षा मंदिर में पिछले एक साल से साजिशों का दौर जारी है। यहां रजिस्ट्रार की कुर्सी को लेकर कुछ प्राध्यापकों के बीच चल रही जंग अब निचले स्तर पर पहुंचने लगी है। इसी बीच बीते रोज एक और गुमनाम चिट्ठी जारी हो गई। इस चिट्ठी के माध्यम से वर्तमान कुलपति और रजिस्ट्रार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आगामी भर्ती के मामले में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस तरह की गुमनाम चिट्ठियां पहले भी जारी होती रही हैं।
इन चिट्ठियों के माध्यम से वर्तमान कुलपति टीआर थापक और रजिस्ट्रार एसडी चतुर्वेदी पर आरोप लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सिविल लाइन थाने में इस चिट्ठी का नमूना भेजकर शिकायत दर्ज कराई है।
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क्या लगाए गए आरोप
विश्वविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों के घरों के बाहर एवं मीडिया कार्यालयों में एक गुमनाम चिट्ठी भेजकर विश्वविद्यालय संघर्ष समिति के नाम पर कई आरोप लगाए गए हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन आगामी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती मामले में अपने कुछ निजी लोगों को लाभान्वित कर रहा है। चिट्ठी में नाम सहित आरोप लगाए गए हैं कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से जुड़े कुछ लोगों की भर्तियों 10 लाख रुपए की रिश्वत के आधार पर तय कर दी गई हैं। यह चिट्ठियां कई प्रोफेसरों के घरों पर भेजी गई, इसके साथ ही पोस्ट के माध्यम से वरिष्ठ कार्यालय व मीडिया को भी भेजकर मामले को उछालने का प्रयास किया गया है।
रजिस्ट्रार की कुर्सी के लिए एक साल से लड़ाई
बता दें कि छतरपुर में स्थित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार की कुर्सी को लेकर पिछले एक साल से जंग चल रही है। यह जंग तब शुरू हुई थी जब प्रो. पीके पटैरिया यहां रजिस्ट्रार थे। फिर अचानक शासन ने उन्हें हटाकर डॉ. जेपी मिश्रा को रजिस्ट्रार बनाया। जेपी मिश्रा को पद से हटवाने के लिए कुछ मामले न्यायालय में भेजे गए जबकि वरिष्ठ कार्यालयों में भी शिकायतें की गईं। अब शासन ने जेपी मिश्रा का निर्धारित कार्यकाल पूरा होने के बाद डॉ. एसडी चतुर्वेदी को रजिस्ट्रार बनाया है। वर्तमान में चतुर्वेदी के विरुद्ध भी इसी तरह की शिकायतों का दौर जारी है। शिकायतों के केंद्र में कुलपति टीआर थापक भी होते हैं।
इनका कहना है..
कुछ विघ्रकारी लोग महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का विकास बाधित करना चाहते हैं। इसलिए इसके विरुद्ध तरह-तरह के षड्यंत्र रचते हैं। हमने सिविल लाइन थाने में शिकायत की है कि इस मनगढ़ंत चिट्ठी को रात के अंधेरे में फेंकने वालों की खोज की जाए और उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
-डॉ. एसडी चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर
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