Sat. Jul 27th, 2024

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Ujjain
  • Minister Mohan Yadav And His Family Freed The Land Of The City’s Famous Builder From Simhanstha Area And Made It Residential

उज्जैन2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

चुनावी साल में कांग्रेस भाजपा पर आक्रमक है। महाकाल के महालोक में सप्त ऋषि की मूर्तियां गिरने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा पर लगे है। वहीं शहर का मास्टर प्लान लागू होने के बाद एक मुद्दा ओर कांग्रेस को मिल गया है। जिसमें कांग्रेस ने सीधे तौर पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पर लगाते हुए कहा है कि परिवार के नाम की सिहंस्थ क्षेत्र की जमीनों को मास्टर प्लान में आवासीय करा लिया है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उज्जैन मेें पत्रकार वार्ता लेकर शासन द्वारा घोषित किए गए शहर के मास्टर प्लान को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव पर सीधे आरोप लगाए लगाए हैं। पूर्व मंत्री वर्मा ने कहा कि शहर का मास्टर प्लान पहले से ही विवादों में था, जो अब हाल ही में सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है। मास्टर प्लान को लेकर करीब 463 आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सिहंस्थ 2016 में जिस भूमि पर सेटेलाइट टाउन का निर्माण किया गया था। वहां की भूमियों को आवासीय किया है। जबकि अधिकांश आपत्ति सेटेलाइट टाउन वाली भूमियों को सिहंस्थ के लिए आरक्षित रखने को लेकर की गई थी। वर्मा ने कहा कि सेटेलाइट टाउन के लिए दाऊद खेड़ी इंदौर रोड पर सिहंस्थ बायपास के कुल 148. 679 हैक्टर भूमि अधिग्रहित की गई थी। इसी तरह समस्त सेटेलाइट टाउन के लिए शहर में अधिग्रहित भूमि 352. 915 की गई थी। जिसे अब मास्टर प्लान में आवासीय कर दिया गया है। पूर्व मंत्री वर्मा ने कहा कि मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस स्थानीय लोगों और साधू-संतो को साथ लेकर उग्र अंदोलन की रणनीति तैयार कर रही है। पत्रकार वार्ता में उज्जैन प्रभारी शोभा ओझा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, विवेक यादव, नूरी खान मौजूद थे।

मंत्री के परिवार के नाम पर जमीनें

पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि सिहंस्थ क्षेत्र की भूमि भूमाफियाओं को सौंपने का संकल्प शिवराज सिंह और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने लिया है। सिहंस्थ क्षेत्र की कई जमीन मंत्री मोहन यादव के परिवार के नाम पर है, जिसे आवासीय घोषित किया गया। वहीं राजनेताओं के पार्टनर की कृषि भूमि को बिना आवेदन दिए आवासीय किया है। जिससे शासन को करीब 500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वही आवासीय क्षेत्र में यह भूमि आने के बाद बिल्डरों को 15 सौ करोड़ रुपए का फायदा होगा।

सिहंस्थ की 74 हेक्टयर भूमि खत्म की

पत्रकार वार्ता के दौरान नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि 259 आपत्तियों पर जिला कार्यालय और स्थानीय समिति ने निर्णय लिया कि सिहंस्थ क्षेत्र की भूमि मुक्त कराना प्रशासन के क्षेत्र अधिकार में होने से आपत्ति अमान्य कर दी गई। जबकि पूर्व में जहां सिहंस्थ- 2016 में दाऊद खेड़ी, सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी की भूमियों को प्रशासन ने अधिग्रहित कर भूमि स्वामियों को मुआवजा भी दिया था। उस भूमि को वर्तमान मास्टर प्लान में सिहंस्थ क्षेत्र से हटाकर आवासीय किया है। मास्टर प्लान 2035 में सिहंस्थ क्षेत्र की 74 हेक्टेयर भूमि को कम कर दिया है। जबकि इस बार के सिहंस्थ के लिए भूमि को बढ़ाया जाना था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *