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छिंदवाड़ा36 मिनट पहले
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मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक महिला के आरोपों ने चिकित्सकों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला के मुताबिक दर्द से तड़प रहे उसके पति को गैस की दवा दे दी गई। तड़प-तड़प कर पति की जान चली गई। ड्यूटी डॉक्टर ने मृत्यु प्रमाण पत्र में हार्ट अटैक का उल्लेख किया है।
महिला का कहना है कि पति को समय पर हार्ट अटैक का इलाज मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी।खान कॉलोनी निवासी रूपा साल्वे ने बताया कि उसका पति 44 वर्षीय निशांत साल्वे सिवनी में 108 एम्बुलेंस चालक था। स्वास्थ्य खराब होने पर बीते 15 मार्च को निशांत घर लौट आयाथा। रात लगभग 11.30 बजे हालत बिगड़ने पर वह निशांत को जिला अस्पताल लेकर पहुंची थी।
इमजरेंसी यूनिट से उन्हें पांचवीं मंजिल में भर्ती करने भेज दिया। वह पति को लेकर मेल मेडिकल तक पहुंची तो वार्ड में एक भी स्टाफ नहीं था। ड्यूटी रूम से नर्सिंग स्टाफ को बुलाने पर उन्होंने गैस व दर्द का इंजेक्शन और नींद की गोली देकर चली गई। निशांत लगभग तीन घंटे तक तड़पते रहा और उसकी मौत हो गई।
अस्पताल पहुंचे परिजनों के विरोध के बाद ड्यूटी डॉक्टर वार्ड में पहुंचे और निशांत को मृत घोषित किया। उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र में हार्ट अटैक से मौत होने का उल्लेख किया है। रूपा ने मांग की है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए, ताकि इलाज के अभाव में किसी और की मौत न हो।
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