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जावरा34 मिनट पहले

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रतलाम जिले में जावरा के हुसैन टेकरी पर संचालन के लिए बनी प्रबंध कमेटी पदाधिकारियों पर नायब मुतवल्ली ने गुमराह करने का आरोप लगाया है। वक्फ ट्रिब्यूनल से लेकर हाईकोर्ट तक दोनों तरफ से कानूनी लड़ाई जारी है।

पदाधिकारियों का कहना है कि तत्कालीन नायब मुतव्वली का आवेदन खत्म हो गया है। नायब मुतव्वली का कहना है कमेटी गुमराह कर रही है। उन्होंने शुरू से पाबंदियां नहीं मानी और अभी कोई नया फैसला नहीं आया, केवल पुराने फैसले को आगे बढ़ाने का आवेदन निरस्त हुआ है।

नायब मुतव्वली मुबीनउद्दीन तैमूरी का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। आदेश के बावजूद मुझे न कार्यालय में बैठने दिया न ही मुझे काम करने में सहयोग किया। अभी चूंकि कमेटी के वकील ने ट्रिब्यूनल में ये कहा है कि 11 अक्टूबर 2022 वाले आदेश के खिलाफ कमेटी हाईकोर्ट गई थी। वहां 16 फरवरी 2023 को ही सुनवाई पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। चूंकि वह फैसला लंबित है, इसलिए अभी हमारा आवेदन निरस्त किया है। कोई पाबंदी नहीं हटी, बल्कि 19 जून को तर्क के लिए पेशी दिनांक भी ट्रिब्यूनल ने तय की है। उस दिन हमारे वकील अपनी तरफ से तर्क पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि कमेटी पदाधिकारी मनमर्जी से बयान जारी कर सभी को गुमराह कर रहे हैं।

छह महीने के लिए था आदेश

प्रबंध कमेटी अध्यक्ष रऊफ मोहम्मद कुरैशी एवं सचिव बाले खान मेव ने बताया कि तत्कालीन नायब मुतव्वली मुबीनउद्दीन तैमूरी के आवेदन पर मप्र वक्फ ट्रिब्यूनल ने 11 अक्टूबर 2022 को एक आदेश पारित किया था। ये आदेश 6 महीने के लिए प्रभावशील था, जिसकी अवधि पूरी हो चुकी है। भ्रष्टाचार का आरोप गलत हैं।

भ्रष्टाचार कर रहे प्रबंध कमेटी पदाधिकारी

वक्फ बोर्ड से पूर्व में नियुक्त किए गए ईओ वसी अख्तर का कहना है कि मैंने कोरोना काल के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम किया, अनेक व्यवस्थाएं सुधारी थी। षड्यंत्र रच कर मुझे हटवा दिया। पदाधिकारी विभिन्न आयोजन में व अनेक फिजूलखर्ची करने में लगे हैं। चादर विभाग में भ्रष्टाचार किया। मेरे पास भ्रष्टाचार के प्रमाण हैं, जो उचित स्थान पर देकर कार्रवाई करवाएंगे।

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