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ग्वालियर10 मिनट पहले

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  • क्राइम ब्रांच ने 10 लाख रुपए फ्रीज कराए

ग्वालियर में PWD विभाग में ठेकेदारी करने वाले एक ठेकेदार को PWD प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनकर एक ठग ने 20 लाख रुपए अपने दो अलग-अलग अकाउंट में डलवा लिए। प्रधान सचिव बनकर बात कर रहे ठग ने ठेकेदार को बताया कि उसके चचेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया है। घटना रविवार की है और शाम रुपए लौटाने के लिए कहा था, लेकिन जब शाम को ठेकेदार ने कॉल किया और कथित प्रधान सचिव का नंबर बंद आया तो ठेकेदार को ठगी का अहसास हुआ। ठेकेदार बिना देर किए क्राइम ब्रांच पहुंचा। क्राइम ब्रांच के अफसरों ने तत्काल एक्शन लेते हुए जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए थे उनमें से एक खाते में गए 10 लाख रुपए की राशि को फ्रीज करा दिया है, लेकिन 10 लाख रुपए ठग ने निकाल लिए हैं।

PWD ठेकेदार से 20 लाख की ठगी होने के बाद क्राइम ब्रांच में शिकायत की गई।

PWD ठेकेदार से 20 लाख की ठगी होने के बाद क्राइम ब्रांच में शिकायत की गई।

शहर के बहोड़ापुर स्थित विनय नगर निवासी प्रताप सिंह तोमर ठेकेदार हैं। उनकी खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी है। वह PWD विभाग में ठेकेदारी करते हैं। जिस कारण वहां के अफसरों व कर्मचारियों को वह जानते हैं। एक दिन पहले PWD के ही एक सस्पेंड इंजीनियर प्रदीप अष्टपुत्रे के नाम से कॉल आया और उसने ठेकेदार को बताया कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुखवीर सिंह आपसे बात करेंगे। साथ ही एक नंबर प्रधान सचिव के नाम से दिया। इसके बाद ठेकेदार ने कॉल किया तो सामने से कथित प्रधान सचिव ने बात की। उसने बताया कि मेरे चचेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया है। मुझे अर्जेट 10 लाख रुपए की जरुरत है जो वह शाम तक लौटा देंगे। साथ ही SBI का एक खाता नंबर दिया। PWD के प्रधान सचिव के नाम से कॉल आया था तो ठेकेदार ने बिना देर किए 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। थोड़ी देर बाद फिर कॉल आया और कहा कि आपको परेशान कर रहा हूं दस लाख रुपए और डाल दीजिए शाम तक मेरा पैसा आ जाएगा तो पूरा आपको ट्रांसफर करवा दूंगा। कथित प्रधान सचिव ने इस बार इंडियन बैंक का अकाउंट नंबर दिया। ठेकेदार ने यह रकम भी डाल दी।
शाम को कॉल किया तो नंबर था बंद
– ठेकेदार को शाम 5 बजे तक पैसा लौटाने का वादा किया था। जब तय समय निकल गया तो ठेकेदार ने शाम को वापस उसी नंबर पर कॉल किया जिस पर अभी तक प्रधान सचिव से बात हो रही थी, लेकिन वो नंबर बंद था। इसके बाद उसे ठगी का अहसास हुआ। वह तत्काल क्राइम ब्रांच के अफसरों के पास पहुंचा और मामले की शिकायत की।
साइबर सेल की सतर्कता से बचे 10 लाख रुपए
इसके बाद तत्काल साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र शर्मा ने एक्शन लिया और ठेकेदार द्वारा बाद में डाले गए 10 लाख रुपए को फ्रीज कराने में सफलता पाई, लेकिन पहले जो दस लाख रुपए डाले गए थे वह ठगों ने निकाल लिए थे। जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए थे वह बिहार के किसी युवक के नाम पर है। एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया का कहना है कि हमारी टीमें काम कर रही है। कोशिश कर रहे हैं कि आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाए।

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