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राजगढ़ (भोपाल)26 मिनट पहले
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राजगढ़ जिले में हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। गुरूवार को खिलचीपुर, माचलपुर सहित जिले के विभिन्न नगर व गांवों में हनुमान मन्दिरों पर विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। जिसमें सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग हनुमानजी के दर्शन करने पहुंचे। विभिन्न स्थानों पर शोभायात्रा और महाआरती के आयोजन हुए।
खिलचीपुर में युवतियों ने सिर पर पगड़ी और केसरिया ध्वज के साथ लगाए जय श्री राम के नारे
खिलचीपुर नगर में हिन्दू उत्सव समिति द्वारा विशाल चल समारोह निकाला गया। यहां चल समारोह पंचमुखी हनुमान मंदिर से शुरू हुआ, जिसमें आकर्षक झांकियां निकाली गई, जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही। डीजे पर चल रहे हनुमान व राम भजनों पर लोग जमकर थिरके। झांझ-मंजीरा और तासे से की गूंज के साथ लगे जय श्री राम के नारों से पूरा नजर गूंज उठा। इस चल समारोह में युवतियां में भी काफी उत्साह देखा गया। सिर पर पगड़ी हाथ में भगवा ध्वज लेकर और मुंह पर जय श्री राम के नारे लगाते हुए युवतियों निकली। जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस चल समारोह में खिलचीपुर नगर के समस्त हनुमान मन्दिरों की तस्वीर के साथ सामूहिक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हनुमान और शिवशक्ति की चलित झांकी भी थी। शोभा यात्रा रात्रि 9 बजे ईमली स्टैण्ड स्थित बालाजी गार्डन पहुंची, जहां समापन हुआ। शोभायात्रा का नगर के लोगों ने पुष्पवर्षा और जलपान करवाकर स्वागत जगह-जगह स्वागत सत्कार किया।
माचलपुर में महाआरती के बाद हुआ भण्डारे का आयोजन
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर श्री चाठाकुण्डी बालाजी मन्दिर, श्री पीपली वाले बालाजी मन्दिर व श्री ईमली वाले बालाजी मन्दिर पर धार्मिक आयोजन हुए। भक्तों ने हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया। सुबह से ही मन्दिरों को भव्य रूप से सजाया गया। श्री चाठाकुण्डी बालाजी मन्दिर पर सायं 7 बजे महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे। भक्तों ने इस अवसर पर आतिशबाजी भी की । वहीं श्री ईमली वाले बालाजी मन्दिर से भव्य शोभायात्रा सायं 5 बजे से निकली, जिसमें बड़ी संख्या में हनुमान भक्त सम्मिलित हुए। शोभायात्रा का विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत सत्कार हुआ। शोभायात्रा सायं 7:30 बजे ईमली वाले बालाजी मन्दिर पहुँची, जहाँ महाआरती के बाद रात्रि में भण्डारे का आयोजन हुआ। जिसमें नगर सहित क्षैत्र के लोग बड़ी संख्या में पहुँचे एवं महाप्रसादी ग्रहण कर धर्मलाभ अर्जित किया।
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