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  • Innocent Son Was Made Accused Of Killing His Mother To Remove Mutual Enmity, Relief From The High Court For The Son Who Was In Jail For 4 Years

जबलपुर30 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश की अनूपपुर पुलिस की शर्मनाक करतूत जबलपुर हाईकोर्ट में उजागर हुई है। हाईकोर्ट ने पाया कि अनूपपुर जिले की जैतहारी पुलिस ने एक शख्स से ख़ुन्नस निकालने के लिए उसे, उसकी माँ के ही कत्ल के मामले में झूठा फंसा दिया। 4 साल से जेल में बंद याचिकाकर्ता को अब हाईकोर्ट ने ना सिर्फ ज़मानत पर रिहा किया है बल्कि उसे ट्रायल कोर्ट से दी गई आजीवन कारावास की सज़ा भी रद्द कर दी है।

दरअसल अनूपपुर पुलिस ने फर्जीवाड़े की तमाम हदें पार कर दी थीं। साल 2018 में जिले के जैतहरी में एक पावर प्लांट के ज़मीन अधिग्रहण लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसमें शामिल सुदामा सिंह नाम के शख्स को पुलिस पर हमले का आरोपी बनाया गया था। पुलिस का कहना था कि आरोपी सुदामा नें भीड़ के साथ मिलकर पुलिस के साथ मारपीट की और उनकी पिस्टल छीन ली। इस घटना के कुछ माह बाद सितंबर 2018 में जब सुदामा की माँ की हत्या टोनही के शक पर हुई तो पुलिस ने असली आरोपियों को छोड़कर सुदामा को अपनी ही माँ के कत्ल का आरोपी बना लिया। हिरासत में उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर देते हुए उसके सिर से बाल उखाड़े और उसकी मृत माँ की उंगलियों में फंसा दिए गए। पुलिस ने ज़ब्तीनामे से भी छेड़छाड़ करते हुए सुदामा सिंह को अभियुक्त बताया और उसे कोर्ट में पेश करके जेल भिजवा दिया।

अनूपपुर जिला अदालत ने सुदामा को आजीवन कारावास की सज़ा दी थी जिसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने पाया कि जैतहरी पुलिस ने जब्तीनामे से छेड़छाड़ करते हुए उसमें फर्जी तथ्य जोड़े थे, घटनास्थल के फोटोग्राफ जांच रिपोर्ट में नहीं लगाए गए और एफएसएल रिपोर्ट प्राप्त करने में भी गड़बड़ी की गई। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले की तह तक जाए बिना ही आरोपी को आजीवन कारावास दे दिया। हाईकोर्ट ने सुदामा को मिली सज़ा रद्द करते हुए हुए जमानत पर रिहा करने के आदेश सुनाए हैं। याचिकाकर्ता की वकील अंजना कुररिया का कहना है कि वो सुदामा को मुआवज़ा दिलाने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई के लिए कानूनी लड़ाई लडेंगी।

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