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बैतूल13 मिनट पहले

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सारणी में वन्य प्राणियों का विचरण लगातार जारी है। दो दिन से यहां शावक के साथ मादा चीतल को घूमते देखा गया है। आज लोगों ने चीतल (हिरण) के शावक को एक नाली से रेस्क्यू कर प्राणी संरक्षक की मदद से वन विभाग के सुपुर्द किया है। शावक की मां नहीं मिल सकी है। आशंका है की उसे कुत्तों ने घायल कर दिया है।

वन्य प्राणी संरक्षक और विशेषज्ञ आदिल खान के मुताबिक सोमवार को सारनी शहर के शांति नगर में एक मादा चीतल दिखाई दी थीं। जिसके पीछे कुत्ते भी लपक रहें थे। इसकी सूचना मिलने के बाद वन‌ विभाग ने ये दावा किया था कि मादा चीतल जंगल चलें गई है।

जिसके बाद आज बुधवार उन्हें स्थानीय लोगों ने जानकारी दी कि उन्होंने एक हिरण के बच्चे को बचाया है । जो की शांति नगर के पास एक नाली में फंसा हुआ था और उसके आसपास कुत्ते मौजूद रहे।

चीतल हुई घायल

लोगो ने शावक का रेस्क्यू कर उसे आदिल के पास हिरण को पहुंचा दिया। इस संबंध में तत्काल ही आदिल के माध्यम से प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी सारनी एस.नायक व मुख्य वन संरक्षक बैतूल को इस संबंध में जानकारी दी। इस बीच आदिल खान को स्थानीय लोगों से जानकारी मिली कि एक मादा चीतल घायल अवस्था में सारनी शहर के नालों में भटक रहीं हैं और उसके पीछे कुत्ते भी लपक रहें हैं। कुत्तों ने उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया है।

स्थानीय वन विभाग के माध्यम से अधिक समय लगाएं जाने पर आदिल ने संपूर्ण मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ही यह जानकारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी मध्यप्रदेश असीम श्रीवास्तव को दी, जिस पर असीम श्रीवास्तव ने आदिल को वापस फोन करके बताया कि सीसीएफ इस संबंध में रेस्क्यू की व्यवस्था कर‌ रहें हैं।

सूचना के लगभग डेढ़ घंटे बाद वन‌ विभाग की टीम आदिल के यहां पहुंची और बच्चे को आदिल के रेस्क्यू बाक्स के साथ अपनी निगरानी में लिया। इसके बाद वन‌ विभाग की टीम और आदिल खान ने मिलकर मादा चीतल की तलाश की परंतु सफलता नहीं मिली। इस बीच कुछ जगह बच्चे को भी साथ रखा गया ताकि उसकी आवाज सुनकर मादा चीतल बाहर आएं परंतु फिर भी सफलता नहीं मिली।

आदिल ने बताया कि सारनी में साफ-सफाई ना‌ होने के चलते नालों और खाली इलाकों में बड़े पैमाने पर खरपतवार फैल गई है। जिस वजह से बाघ, तेंदुए के बाद अब हिरण भी शहर में आ रहें हैं। लोगों और वन्यप्राणियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को स्थानीय नालों और खाली स्थानों से खरपतवार को प्राथमिकता के साथ साफ़ करवाना चाहिए और वन विभाग को ऊंची फैंसिंग शहर से लगे जंगल क्षेत्र में करवाना चाहिए।

प्रभारी रेंजर एस नायक ने बताया की फिलहाल शावक को वन विभाग की निगरानी में रखा गया है। उसकी मां की तलाश की जा रही है। अगर मादा चीतल नहीं मिलती है तो शावक को वन विहार भोपाल भेज दिया जाएगा। बता दें की यह स्पॉटेड डियर है जिसे चीतल या सामान्य भाषा में हिरण भी कहा जाता है।

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