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अभय शर्मा.इंदौर33 मिनट पहले

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कर्नाटक एडवांस रूलिंग के तहत अभी हाल ही में यह कहा गया है कि हॉस्टल पर जीएसटी देय होगा। इसके अलावा रियल एस्टेट में ज्वाइंट डेवलपमेंट पर विभाग द्वारा कर की मांग की जा रही है। इन दोनों दशाओं में जीएसटी के प्रावधानों व्याख्यान के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं सीए शाखा इंदौर ने शनिवार को कार्यशाला आयोजित की।

मुख्य वक्ता सीए नवीन खंडेलवाल ने विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीएसटी कानून में दी गई एडवांस रूलिंग, एक अधिकारी द्वारा किसी करदाता के मामले में दिया गया एक ऐसा निर्णय है, जो केवल उस अधिकारी एवं करदाता पर ही लागू होगा। अतः यह एक असेसमेंट ऑर्डर से अधिक अहमियत नहीं रखता। उन्होंने बताया कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने फरवरी 2022 में एक मामले में यह स्पष्ट कर दिया है कि हॉस्टल रूम्स भी रेजिडेंशियल यूनिट ही होते हैं। चूंकि हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी या प्रशिक्षु का उद्देश्य रिहायशी ही होता है, अतः हॉस्टल के किराए पर रिहायशी मकान का किराया मानते हुए छूट जारी रहेगी।

भू स्वामी एवं डेवलपर के बीच जीएसटी नहीं

ज्वाइंट डेवलपमेंट विषय पर खंडेलवाल ने कहा कि भूमि स्वामी एवं डेवलपर दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से भूमि को विकास करने पर या रहवासी एवं व्यावसायिक बिल्डिंग बनाने पर उनके द्वारा ट्राई पार्टी एग्रीमेंट के तहत किसी तीसरे व्यक्ति को बेचा जाता है। इसमें भू-स्वामी एवं डेवलपर के बीच कोई सप्लाई नहीं होती, बल्कि यह कहा जा सकता है कि ये दोनों मिलकर क्रेता को सर्विस दे रहे हैं। ऐसे व्यवहार में भू-स्वामी अपनी भूमि उस प्रोजेक्ट में निवेशित करता है एवं डेवलपर उस भूमि पर डेवलपमेंट करता है। ऐसे व्यवहार में क्रेता ही वास्तविक सर्विस प्राप्तकर्ता होता हैं । अतः भू स्वामी एवं डेवलपर के बीच के व्यवहार पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। ज्वाइंट डेवलपमेंट केवल किसी प्रोजेक्ट को साथ में करने और प्रॉफिट शेयर करने का एग्रीमेंट है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट बनाते समय बहुत सावधानी रखना चाहिए ताकि यह प्रतीत नही हो कि किसी एक पक्षकार द्वारा दूसरे व्यक्ति को कोई सेवा दी जा रही है।

बिल्डिंग निर्माण पर बहुत भ्रांतियां

एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि भूमि विकास या रहवासी एवं व्यावसायिक बिल्डिंग के निर्माण पर बहुत भ्रांतियां हैं, जिसके लिए सरकार द्वारा अतिशीघ्र स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सीजीएसटी सचिव कृष्ण गर्ग ने किया। कार्यक्रम में आरएस गोयल, मनीष डाफरिया, उमेश गोयल, राजीव सक्सेना, अजय सामरिया, पंकज सेठी, स्वप्निल जैन एवं बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार एवं एडवोकेट उपस्थित थे। अमितेश जैन ने आभार माना।

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