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भोपाल7 मिनट पहले

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मप्र के पूर्व सीएम स्वर्गीय अर्जुन सिंह की बेटी वीणा सिंह ने भोपाल के बिट्‌टन मार्केट को बिटठ्ल मार्केट कहे जाने पर आपत्ति जताई है। वीणा सिंह ने सरकार और भोपालवासियों से अनुरोध करते हुए कहा कि मेरी मां को उनके मायके पक्ष के लोग प्यार से ‘बिट्‌टन’ कहा करते थे। उनके नाम पर तत्कालीन प्रशासक एमएन बुच ने उनके नाम पर बिट्‌टन मार्केट बनाया था लेकिन अब लोग इसे बिट्‌ठल मार्केट कहने लगे हैं। इसका नाम न बिगाड़ें जो सही नाम है वही रहने दें।

भोपाल के मोटल शिराज में पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की बेटी वीणा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मप्र कांग्रेस की वचन पत्र समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह, सैम वर्मा, कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले मौजूद थे। इस दौरान वीणा सिंह ने बताया कि मेरी मां स्वर्गीय सरोज कुमारी बघेली भाषा में जो कुछ मुहावरों का उपयोग करतीं थीं। वो किस तरह की जीवट महिला थीं। कभी लाइम लाइट में नहीं आईं पर्दे के पीछे रहकर सादगी से अपना काम करती रहीं। उनके जीवन पर लिखी गई किताब ‘विंध्य की बेटी: मुहावरों से झलकती आत्मा’ का विमोचन रविन्द्र भवन में 12 अगस्त को पूर्व सीएम कमलनाथ करेंगे। इस किताब में बघेली भाषा की 151 कहावतों को शामिल किया गया है।

बिट्‌टन मार्केट बनने की कहानी सुनाई

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अर्जुन सिंह की बेटी वीणा सिंह ने भोपाल के बिट्‌टन मार्केट के बनने की कहानी सुनाते हुए कहा- हम और एमएन बुच का परिवार पड़ोसी था। वे उस समय भोपाल में प्रशासक थे। हमारे उनके परिवार से बहुत घनिष्ठ संबंध थे। हम लोग एक दूसरे के घर बहुत आया-जाया जाते थे। उस वक्त मेरी शादी हुई थी तो हम एक दिन बुच साहब सुबह-सुबह हमारे घर आए और उस दिन हमारे नाना जी हमारे घर पर थे। मेरी मां का घर का नाम था बिट़्टन। नाना जी ने दो-तीन बार बिट्‌टन कहा तो बुच साहब ने पूछा कि यह कौन है? तो मां ने कहा कि ये हमारे मायके का नाम है। हमारे पिताजी और मायके वाले सिर्फ मुझे इस नाम से बुलाते हैं। ये सुनकर बुच साहब ने कहा यह नाम मुझे बहुत पसंद है और आगे जब मैं कोई बाजार बनाऊंगा तो उसका नाम बिट्‌टन के नाम पर रखूंगा। मां ने समझा कि यह मजाक कर रहे हैं लेकिन जब उन्होंने बाजार बनाया और उसका उद्घाटन बिट्‌टन मार्केट के नाम पर किया। मैं जब भी भोपाल आती हूं और कोई मुझसे कहता है विट्ठल बाजार चलना है तब मैं कहती हूं कि बिट्‌टन मार्केट है उसको बिट्‌ठल मार्केट मत कहो।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद वीणा सिंह और सैम वर्मा....

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद वीणा सिंह और सैम वर्मा….

किताब में मां को जानने वालों ने लिखे अपने विचार

वीणा सिंह ने कहा मां के लिए लिखी गई किताब में 11 व्यक्तियों ने मेरी मां के बारे में लिखा है। मेरी मां कभी लाइमलाइट में नहीं रही। वह हमेशा बिहाइंड द सीन रहीं। पूरा जीवन सादगी से बिताया। हम लोग नाना जी को मेजर पापा कहते थे और मां को मेजर मम्मा कहते थे क्योंकि वह टाइम की पक्की थी। उस किताब में लोगों ने उनकी जो जीवनी के बारे में लिखा है वह आश्चर्यजनक है कि मेरी मां किस बैकग्राउंड की थी।

सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 6 साल की उम्र में वर्मा से भारत पैदल आई थीं

वीणा सिंह ने कहा- सब लोग कहते हैं कि दाऊ साहब(अर्जुन सिंह) के बारे में तो सब लोग जानते हैं लेकिन मां के बारे में कोई नहीं जानता। वह 6 साल की उम्र में वर्मा से सेकंड वर्ल्ड वॉर में इंडिया तक पैदल आए थीं। उनके नाना जी वर्मा में रहते थे वो वर्मा में पैदा हुई थीं। सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 6 साल की उम्र में वह पैदल आई थीं। बचपन में उन्होंने मौत को नजदीक से देखा। वह कभी किसी से डरती नहीं थी।

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