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इंदौर4 मिनट पहले

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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स अब बाहर से टिफिन नहीं मंगवा सकेंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन चाहता है कि स्टूडेंट्स मेस का ही खाना खाएं। इसके लिए मेस के खाने की गुणवत्ता को भी बेहतर करने के निर्देश कुलपति ने दिए हैं। फ्लाइंग स्क्वॉड खाने की जांच करेगा। स्टूडेंट्स से भी फीडबैक फॉर्म भरवाया जाएगा और यदि व्यवस्था नहीं सुधरती है तो फिर मेस का संचालन करने वाली फर्म को बदला जाएगा।

दरअसल, कुलपति डॉ.रेणु जैन ने सोमवार को सभी हॉस्टल वार्डन की बैठक ली, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही उन्होंने व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। मेस के खाने की क्वालिटी पर कुलपति ने विशेष जोर दिया। फ्लाइंग स्क्वॉड अब हॉस्टल के साथ-साथ मेस के खाने की क्वालिटी भी चेक करेगी। लंच और डिनर के समय टीम पहुंचेगी। वार्डन भी इस पर खास तौर पर ध्यान देंगे। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स को एक फीडबैक फॉर्म भी दिया जाएगा और खाने की क्वालिटी पर उनसे फीडबैक लिया जाएगा। मीनू भी हर जगह डिस्प्ले होगा, ताकि यदि कुछ चेंज किया जाता है, तो इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को आसानी से मिल सके।

यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में स्टूडेंट्स बाहर से खाना मंगवाते हैं। कई स्टूडेंट्स के टिफिन भी आते हैं, लेकिन अब बाहर से टिफिन मंगाने पर सख्ती के साथ लगाम लगाई जाएगी और ये टिफिन बंद किए जाएंगे। ब्वॉयज हॉस्टल में बाहर से टिफिन ज्यादा मंगाए जाते हैं। बाहर के टिफिन बंद करने के पीछे दो कारण हैं।

– पहला ये कि हॉस्टल में किसी स्टूडेंट्स की तबीयत खराब होती है तो खराब खाने को कई बार वजह बताया जाता है। ये साफ नहीं हो पाता है कि स्टूडेंट्स ने खाना मेस में खाया था या बाहर से मंगवाया था। अब स्टूडेंट्स को यदि टिफिन चाहिए भी तो उसे मेस से ही टिफिन लेना पड़ेगा। इससे मेस वाले की जिम्मेदारी भी तय होगी और स्टूडेंट्स की तबीयत खराब होने पर मेस के खाने के स्थिति साफ हो सकेगी।

– दूसरा कारण मेस का ठेका लेने वाले के नुकसान का ध्यान रखना है। स्टूडेंट्स बाहर से टिफिन या खाना मंगवाएंगे तो मेस वाले को नुकसान होगा। छात्रों से 2500 रुपए तो छात्राओं से 2200 रुपए महीने मेस का चार्ज लिया जाता है। अधिकारियों का मानना है कि स्टूडेंट्स की संख्या घटने पर मेस वाले को नुकसान होगा और इससे खाने की क्वालिटी भी प्रभावित होगी। पूर्व में ऐसा ही होता आया है। लिहाजा हॉस्टल वाले स्टूडेंट्स बाहर से टिफिन नहीं मंगवा सकेंगे, उन्हें मेस का ही खाना, खाना पड़ेगा।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेणु जैन

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेणु जैन

छात्रों से लिया जाता है ज्यादा चार्ज

हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं से कॉशन मनी सहित 22 हजार 500 रुपए सालाना चार्ज किए जाते हैं। ये स्टूडेंट्स को निजी हॉस्टल की तुलना में काफी किफायती पड़ता है। हॉस्टल की सीट फुल होने के बाद स्टूडेंट्स को मजबूरी में निजी हॉस्टल का रूख करना पड़ता है, लेकिन मेस का चार्ज छात्र और छात्राओं के लए अलग-अलग है। छात्राओं से जहां 2200 रुपए हर महीने चार्ज लिया जाता है वहीं छात्रों से 2500 रुपए चार्ज लिया जाता है। छात्रों के चार्ज में पिछले साल ही बढ़ोतरी की गई है। मेस वालों ने शिकायत की थी कि छात्रों की डाइट ज्यादा होने से उन्हें नुकसान होता है। जिसके बाद चार्ज बढ़ाया गया।

ये बोली कुलपति

कुलपति डॉ.रेणु जैन ने बताया कि बैठक में हर महीने मीटिंग करना तय किया गया है। नियमों को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। उम्मीद है बच्चों को जो परेशानी है वो काफी हद तक खत्म हो जाएगी। रुल पहले के बने हुए थे। उनके पालन में कहां परेशानी आ रही है, इसे देखा गया है। स्टूडेंट्स हॉस्टल में रहने को ही प्राथमिकता देते हैं। यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में सीट फुल होने के बाद स्टूडेंट्स निजी हॉस्टल या अन्य ऑप्शनल व्यवस्था करते हैं। हॉस्टल मेस में मिलने वाले खाने को लेकर विशेष निर्देश दिए गए हैं। वार्डन हर महीने खाने को चेक करें, फ्लाइंग स्क्वॉड भी खाना चेक करेंगी। स्टूडेंट्स से फीडबैक भी लिया जाएगा। मीनू हो हर जगह डिस्प्ले कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार का कोई बदलाव हो तो वो स्टूडेंट्स को पता चल सके।

यूनिवर्सिटी के हॉस्टल और सीटों की संख्या

हॉस्टल क्षमता

जवाहरलाल नेहरु ब्वॉयज हॉस्टल – 104

जगदीश चंद्र बसू हॉस्टल – 94

रविंद्रनाथ टैगोर हॉस्टल – 300

बाफना ब्यॉज हॉस्टल – 88

कमला नेहरु और न्यू कमला नेहरु गर्ल्स हॉस्टल – 300

सीवी रमन गर्ल्स हॉस्टल – 170

न्यू सीवी रमन गर्ल्स हॉस्टल – 102

रामा बाई गर्ल्स हॉस्टल – 130

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