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- Police’s 17 Crore AI Technology Reads Wrong Number Plates, Traffic Diverts Yet Challans Are Made
भोपाल23 मिनट पहलेलेखक: विशाल त्रिपाठी
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यू टर्न लेने पर 15 दिनों में 103 गलत चालान बना डाले
राजधानी में रहने वाले उदय कुमार को उस गलती के लिए 500 रुपए का चालान भरना पड़ सकता है, जो उन्होंने की ही नहीं। करीब 17 करोड़ खर्च कर शुरू हुए इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत लगे कैमरे ने उदय को ट्रैफिक नियम तोड़ने का दोषी पाया है।
लेकिन हुआ ये था कि उदय उस वक्त रोशनपुरा चौराहा से रंगमहल चौराहा पहुंचे और यू-टर्न ले रहे थे। उनकी बाइक मूवमेंट में थी, फिर भी कैमरे ने उनकी उस समय की तस्वीर को क्लिक कर लिया, जब वह जेब्रा क्राॅसिंग को पार करते हुए यू-टर्न ले रहे थे। उदय अकेले ऐसे नहीं, जो बिना नियम तोड़े जुर्माना भरने जा रहे हों। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से रोज कोई ना कोई इस तरह परेशान हो ही रहा है। इस तरह की परेशानी की शिकायत के लिए आईटीएमएस हेल्पलाइन नंबर 0755-2477705 भी है। बीते 15 दिनों में इसपर 103 शिकायतें पहुंचीं हैं। इसके अलावा 10 लोगों ने सीधे ट्रैफिक पुलिस से भी इसकी शिकायत की है। इनमें ज्यादातर गलत नंबर प्लेट पढ़ने से जुड़ी हैं।
24 जगह 300 कैमरों से नजर
बोर्ड ऑफिस चौराहा, लिंक रोड-1, लिंक रोड-2, लिंक रोड-3, पिपलानी चौराहा, रोशनपुरा चौराहा, बोर्ड ऑफिस चौराहा, गणेश मंदिर चौराहा, खानूगांव, वीआईपी रोड, भेल चौराहा, बागसेवनिया थाने के पास, कोर्ट चौराहा, डिपो जंक्शन, बाणगंगा, चेतक ब्रिज तिराहा समेत 24 लोकेशन पर कैमरों का जंक्शन बनाया गया है। छह अन्य लोकेशन पर सीधी रोड पर कैमरे लगाए गए हैं, जो हर पल वाहनों को डिटेक्ट करते हैं।
ट्रैफिक डायवर्सन भी बनता है मुसीबत
इस एआई तकनीक में ये तो फीड किया गया है कि चालान कहां और किन वाहन चालकों का बनाना है। लेकिन इस सिस्टम को ट्रैफिक डायवर्सन की जानकारी नहीं रहती। नतीजा- डायवर्टेड रास्तों से गुजरने वाले वाहनों को भी आईटीएमएस कैप्चर करता है और उन्हें नियम तोड़ने का दोषी मान लेता है। ऐसा तब और बढ़ जाता है, जब किसी एक सड़क को बंद कर दिया गया हो और एक ही सड़क पर दोनों तरफ का ट्रैफिक आ-जा रहा हो। जबकि पिछले एक महीने से अकेले एमपी नगर के आसपास 3 किमी के दायरे में एक साथ चार डायवर्जन किए गए हैं। यहां से हर दिन 70-80 हजार लोग गुजरते हैं।
यहां सबसे ज्यादा परेशानी चेतक ब्रिज, बोर्ड ऑफिस चौराहा, प्रगति चौराहा और वल्लभ भवन रोटरी पर ऐसी परेशानी सबसे ज्यादा हो रही है। यहां जीजी फ्लाईओवर और मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके चलते कभी भी बोर्ड चौराहे पर लेफ्ट टर्न बंद कर दिया जाता है। ऐसे में यदि वाहन चालक रेड सिग्नल होने पर भी जेब्रा क्रॉसिंग पार करते हुए लेफ्ट टर्न लेता है तो उसका चालान बन जाता है।
वीआईपी पर लागू नहीं
हैरानी ये है कि आईटीएमएस प्रोजेक्ट के कैमरे सरकारी वाहनों को नहीं देख पाते हैं। यदि एमपी 02 और एमपी 03 नंबर के वाहन होंगे तो उनके चालान नियम तोड़ने के बाद भी नहीं बनाए जाते हैं। ऐसा ही बीसीएलएल की लो फ्लोर बसों के साथ भी होता है। बीसीएलएल को स्मार्ट सिटी ही संचालित करता है।
एएनपीआर कैमरा कई बार गलत चालान जनरेट कर देता है। ऐसी स्थिति में यदि कोई हमसे शिकायत करता है तो क्रॉस चैक कर चालान कैंसिल कर दिया जाता है।
-गौरव बैनल, सीईओ, स्मार्ट सिटी
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