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श्योपुर38 मिनट पहले
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कूनो नेशनल पार्क से निकल कर नर चीता ओवान रविवार सुबह बैराड इलाके के जौराई-डाबरपुरा इलाके में देखा गया। ओवान रात भर में करीब 10KM चलने के बाद बैराड़ के नजदीक मरौरा झलवासा गांव के पास पहुंच गया है। जिस पर वन विभाग की ट्रैकिंग टीम नजर बनाए हुए हैं।
चीते को देखकर इलाके के लोगों में भय है। कूनो नेशनल पार्क से निकलकर 1 अप्रैल को विजयपुर इलाके के झार बड़ौदा पहुंचे नर चीते ओवान को 6 अप्रैल को बैराड़ इलाके से ट्रेंकुलाइज करके कूनो नेशनल पार्क वापस लाया गया था। 2 दिन पहले चीता ओवान कूनो नेशनल पार्क से फिर से बाहर निकल गया। रविवार को ओवान बैराड इलाके के जौराई गांव के पास देखा गया था। इसके बाद रात भर चलकर मंगलवार को वह मरौरा झलवासा के पास पहुंच गया है।
फिलहाल नहीं किया जाएगा ट्रेंकुलाइज : सीसीएफ
चीते ओवान को ट्रेंकुलाइज करने के बारे में वन विभाग के अधिकारियों ने साफ इनकार कर दिया है, उनका मानना है कि, चीते को बार-बार ट्रेंकुलाइज करने स्ट्रेस हो सकता है, कुछ ही दिन के अंदर बार-बार बेहोशी के इंजेक्शन से उसकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि चीते या रिहायशी इलाकों के इंसानों को कोई खतरा होने की संभावना बनती है तो वन विभाग के अधिकारी तत्काल ट्रेंकुलाइज करने का निर्णय ले लेंगे।
ओवान को जंगल से ज्यादा पानी भरे खेत और नदी पसंद
नर चीता ओवान को घने जंगल से ज्यादा पानी भरे खेत और नदी के तराई वाले इलाके खूब भा रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ओवान बार-बार कूनों से निकलकर पानी भरे खेतों में पहुंच रहा है तो कभी नदी के तराई वाले ठंडे इलाकों में, दिन की दोपहरी के समय वह ज्यादातर समय पानी बाली जगह या फिर घनी छाया वाले पेड़ों के नीचे बैठकर गुजार रहा है। पिछले दिनों करीब 5 से 6 दिनों तक वह फूलों से निकलकर खेतों और नदियों के आसपास रह चुका है, अब फिर से वह पिछले रविवार से खेतों के आसपास घूमता हुआ नजर आ रहा है।
किसी इंसान पर नहीं किया अटैक
चीते को देखकर रिहायशी इलाकों के आसपास के लोगों में भय का माहौल है लेकिन, चीते ओवान ने अब तक किसी भी इंसान पर अटैक नहीं किया है। लोग डर जरूर रहे हैं, लेकिन दूर से चीते का दीदार करने के लिए लगातार उसके आसपास पहुंच रहे हैं।
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