बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी नगर पालिका और पंचायत की वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े की आशंका सामने आई है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्मा गया है
राज्य निर्वाचन आयोग की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एक ही घर में 50 से अधिक मतदाता दर्ज हैं, ऐसे लगभग 779 घर चिन्हित किए गए है
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर चुनाव को खरीदने, बेचने और मैनिपुलेट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से मध्य प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है और पूरी वोटर लिस्ट का सत्यापन जरूरी है
सरकार के मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल तभी उठाती है जब वह हारती है। मंत्री ने चुनाव आयोग को निष्पक्ष संस्था बताया और कांग्रेस पर एजेंसी पर दबाव बनाने का आरोप लगाया
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि इनको फर्जी वोटर कहना उपयुक्त नहीं है। यह डाटा कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को वेरिफिकेशन के लिए भेजा गया है। अभी जांच होगी, भौतिक सत्यापन के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी
एमपी राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को नगर पालिकाओं और पंचायतों में एक ही घर में 11 या उससे अधिक दर्ज मतदाताओं की सूची का भौतिक सत्यापन कराने के आदेश दिए हैं
आयोग ने पांच श्रेणियों में संदिग्ध पते चिन्हित किए हैं और इन पर जांच और सत्यापन का कार्य जारी है
एंकर
बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी नगर पालिका और पंचायत की मतदाता सूची में फर्जीवाड़ी की आशंका को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन घरों का भौतिक सत्यापन कराएं, जहां 11 या उससे अधिक मतदाता दर्ज हैं। खास बात यह है कि 50 से ज्यादा मतदाता वाले 779 घरों की पहचान हुई है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
वीओ
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर विवाद के बाद अब मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर हंगामा मच गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे उन घरों का भौतिक सत्यापन करें, जिनमें 11 या उससे ज्यादा मतदाता दर्ज हैं। 50 से ज्यादा मतदाता वाले 779 घरों की सूची सामने आते ही राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।
बाइट–जीतू पटवारी, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
((चुनाव को खरीदना, बेचना और मैनिपुलेट करना सरकार की आदत बन गई है। मध्य प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है। हर एक वोटर लिस्ट का सख्ती से सत्यापन होना चाहिए))
वीओ
वहीं, एमपी राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि अभी इसे फर्जी वोटर लिस्ट कहना सही नहीं है। हमने यह डाटा जिलों को जांच के लिए भेजा है। भौतिक सत्यापन के बाद ही कोई उचित कार्रवाई की जाएगी।
((हमने संदिग्ध घरों की सूची जिलों को भेजी है। अभी जांच होगी, भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा))
GFX IN
एक ही घर में मतदाता
11 से 20 मतदाता 617998
21 से 30 मतदाता 49928
31 से 40 मतदाता 6151
41 से 50 मतदाता 1373
50 से अधिक मतदाता 779
GFX OUT
वीओ
विवाद होते ही राज्य सरकार के मंत्री भी सामने आए कहा चुनाव आयोग को चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह कांग्रेस तब लगाती है जब वह हारती है, चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था है, कांग्रेस एजेंसी पर दबाव बनती है।

वीओ
राजनीति गर्म है, आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग का रुख साफ है,फैसला जांच के बाद ही लिया जाएगा। अब सबकी निगाहें हैं भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट पर, जो तय करेगी कि यह सिर्फ संदेह था या कोई बड़ी गड़बड़ी।
