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इंदौर9 मिनट पहले
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…अब सिर्फ यादें शेष।
पटेल नगर में बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर की बावडी हादसे में मृत 36 लोगों के मामले में अलग-अलग समाजजन द्वारा श्रदांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार शाम को श्री कच्छ पाटीदार समाज द्वारा समाज के 11 लोगों की मौत को लेकर बेसुण (बेसणा) हुआ। इसमें स्थानीय के अलावा मप्र, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली से भी समाजजन आए और श्रद्धांजलि अर्पित की। एक साथ 11 दिवंगतों की तस्वीरों के सामने पुष्प चढ़ाने के दौरान उनकी आंखें नम हो गई तो महिलाओं को सिसकियां शुरू हो गई।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने दी श्रद्धांजलि।
समाज द्वारा इल्वा स्कूल में बेसणा रखा गया था। इसमें हादसे में मृत दक्षाबेन लक्ष्मीकांत पटेल, गंगाबेन गंगादासभाई पटेल, जयाबेन गंगदासभाई नाथानी, कनकबेन कौशलभाई पटेल, कस्तूरबेन मनोहरभाई पटेल, लक्ष्मीबेन रतिलाल दिवानी, प्रियंकाबेन परेशभाई पटेल, पुष्पाबेन दिनेशभाई पोकार, रतनबेन नानाजीभाई पटेल, शारदाबेन केशवलाल पोकार व विनोदभाई धनजी पटेल की तस्वीरें रखी गई थी। बेसणा में इन 11 दिवंगतों के परिजन के अलावा अहमदाबाद, भुज, जाम नगर, सूरत, आनंद, बडोदरा, मुंबई, नागपुर, दिल्ली सहित अलग स्थानों से आए इनके रिश्तेदार तो थे, इसके अलावा समाज के वरिष्ठजन सहित 3 हजार से ज्यादा समाजजन थे।
श्रद्धांजलि के लिए लोगों का लगा रहा तांता।
मुस्लिम समाजजन ने दी श्रद्धांजलि।
बेसणा में सामूहिक रूप से भगवत गीता के मोक्ष मार्ग के 15 अध्याय का पाठ किया गया। इस दौरान पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक आकाश विजयवर्गीय, वरिष्ठ नेता सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे और दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए और श्रदांजलि अर्पित करने के साथ पीडित परिवारों को हिम्मत दी। इसके साथ ही देश-विदेश सहित 180 स्थानों से समाजजन व परिचितों के संदेश भी आए जिनमें से कुछ संदेशों का वाचन भी किया गया। खास बात यह कि हादसे में जिन 11 समाजजन की मौतें हुई हैं उनमें 10 तो महिलाएं ही हैं। सभा में समाजजन ने पीडित परिजन को ढांढस बंधाया और कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में समाज साथ में हैं। उन्होंने जांच के अलावा किसी भी प्रकार की मदद के लिए आश्वस्त किया और कहा कि हादसे के दोषी लोगों को सजा दिलाने में समाज कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
विधायक संजय शुक्ला व अन्य भी पहुंचे।
गमगीन महिलाएं…
इसके पूर्व मेहमानों को घरों में हादसे को लेकर परिजन ने मौके के जो हालात बताए तो मेहमानों की आंखों से आंसू छलक गए। परिजन ने उन्हें बताया कि हादसे के बाद किस तरह की आपाधापी मची थी। कैसे 18 लोगों को स्थानीय लोगों ने बचाया जबकि नीचे डूबे अन्य लोगों को बचाने के लिए कोई संसाधन नहीं थे। एनडीआरएफ के प्रयास भी असफल हो गए और रात को 9 बजे आर्मी को बुलाया तब तक काफी देर हो चुकी थी। कुछ मेहमान उस जानलेवा बावडी को देखने भी पहुंचे लेकिन अब मंदिर का चैनल गेट सील है तो बाहर से ही देखा और सिहर उठे। हालांकि इसके पूर्व वे चैनल व सोशल मीडिया पर भी बावडी व हादसे के वीडियो देख चुके थे। कुछ तो ऐसे थे जिन्हें न्यूज के माध्यम से सूचना मिली थी कि उनके रिश्तेदारों के यहां अनहोनी हो गई है।
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