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श्योपुरएक घंटा पहले

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कूनो से भागे चीते का नाम ओवान है। वह गांव के एक खेत में नजर आया।

कूनो नेशनल पार्क से निकलकर एक चीता रविवार को रिहायशी इलाके में पहुंच गया। वह एक खेत में नजर आया। गांव में चीते के आने से दहशत है। बताया जा रहा है कि रात को उसने एक गाय का शिकार भी किया था। कई गांव वाले चीते को देखने के लिए पेड़ पर चढ़ गए।

सूचना मिलने पर वन अमला और चीता मित्र मौके पर पहुंचे। चीते को वापस जंगल की ओर भेजने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। DFO प्रकाश वर्मा ने कहा- नामीबिया से लाए गए चीतों में से ओवान नाम का एक चीता झार-बड़ौदा गांव में घुस गया था। ये गांव कूनो नेशनल पार्क से करीब 20 किलोमीटर दूर है। मॉनिटरिंग टीम भी गांव में पहुंच चुकी है।

वन विभाग की टीम झार-बड़ौदा गांव में पहुंच गई है। यहां चीते की लोकेशन पता कर उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।

वन विभाग की टीम झार-बड़ौदा गांव में पहुंच गई है। यहां चीते की लोकेशन पता कर उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।

मांस में दवा मिलाकर बेहोश करने का प्रयास
आरआई बद्रीप्रसाद प्रजापति ने बताया कि मौके पर राजस्व, पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंच गई हैं। इसमें करीब 50 अफसर-कर्मचारी मौजूद है। चीता अभी गांव से करीब 1.5 किमी की दूरी पर है। उसे बेहोश करने के लिए मांस में दवाई मिलाकर फेंका जा रहा है। नामीबिया की डॉक्टर चीते को आबादी क्षेत्र से दूर ले जाने का प्रयास भी कर रही है। करीब 4.45 बजे चीता दिखाई दिया था। वह कभी पहाड़ी पर तो कभी पेड़ों के पीछे दिखाई दे रहा है।

सुबह 6 बजे ग्रामीणों ने देखा, 8 बजे पहुंचा वन अमला

ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को विजयपुर इलाके के झार-बड़ौदा में दिखा ओवान चीता शनिवार-रविवार की दरमियानी रात ही कूनो नेशनल पार्क से निकलकर इस इलाके में पहुंच गया था। गांव के ही रहने वाले राकेश ने बताया कि उनके घर के पीछे वाले खेत में प्याज लगी है।

सुबह करीब 6 बजे उनकी नजर खेत में गई तो तारों के पास चीता खेत में लेटा हुआ था। उन्होंने अपने घर से चीते का वीडियो बनाया। गांव से करीब डेढ़ किमी दूर 10 दिन से चीते का मूवमेंट दिख रहा था। सूचना मिलने के बाद सुबह 8 बजे वन विभाग का अमला इस इलाके में पहुंचा।

देर रात किया एक गाय का शिकार

शनिवार-रविवार की रात ओवान चीते ने झार-बड़ौदा गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेतों के पास एक गाय का शिकार भी किया। जिसका शव इलाके के ग्रामीणों ने देखा। चीते को खेतों में देखने के बाद इलाके के ग्रामीणों में दहशत फैली हुई है। लोग खेतों पर जाने से भी डर रहे हैं।

पिंजरे में बंद करके कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा

कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी चीते से कुछ ही दूरी बनाकर उस पर निगरानी रख रहे हैं। इंतजार किया जा रहा है कि यह चीता अपने आप वापस लौट जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो उसे ट्रैंकुलाइज करके वापस कूनो ले जाया जाएगा। कूनो प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों के सामने इस तरह की चर्चाएं अपने मैदानी अमले से करते दिखे।

चार चीतों को जंगल में किया गया था रिलीज

चीता टास्क फोर्स के अधिकारियों ने पिछले दिनों ओवान, आशा, फ्रेंडी और एल्टन नाम के चीतों को बाड़े से खुले जंगल में रिलीज किया था। इसके बाद से ये चारों लगातार कूनो से बाहर निकलकर कभी टिकटॉली इलाके में तो कभी मोरावन क्षेत्र में देखे जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से उनके खेतों में चीता घुसा हुआ है। हम पहले इसे तेंदुआ समझ रहे थे, बाद में पता चला है कि यह चीता है।

कूनो में चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया

भारत में पांच दशक बाद पहली बार चीते का जन्म हुआ। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई फीमेल चीता सियाया ने बुधवार को 4 शावकों को जन्म दिया। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। पीएम मोदी ने रीट्वीट करते हुए लिखा – वंडरफुल न्यूज। सियाया के प्रेग्नेंट होने की जानकारी 20 दिन पहले कूनो नेशनल पार्क के मैनेजमेंट को मिली थी। तभी से उसे स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। पढ़ें पूरी खबर

पांच दिन पहले हुई थी मादा चीते की मौत

सोमवार को कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों में से एक 5 साल की मादा चीता साशा की मौत हो गई। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने मौत का कारण रीनल फेल्योर (किडनी खराब होना) माना है। साशा 22 जनवरी से बीमार थी, डिहाइड्रेशन के कारण उसे तरल खाद्य पदार्थ दिया जा रहा था, लेकिन इस मौत में दो चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। पहली- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एडीजी एसपी यादव ने बताया कि भारत आने से पहले ही साशा को किडनी की बीमारी थी। पढ़े पूरी खबर…

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