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जबलपुरएक घंटा पहले
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सेना की सुरक्षा से घिरा हुआ क्षेत्र सबसे सुरक्षित माना जाता है, पर अगर उसी इलाके में किसी छात्रा के साथ छेड़खानी और अभद्रता हो तो समझा जा सकता है कि देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हालात क्या होंगे। हम बात कर रहें है मध्यप्रदेश के जबलपुर की है जहां पर की आर्मी कैंपस में लॉ की छात्रा के साथ मारपीट और उसे जबरन कार में बैठाने की कोशिश की गई। कार सवार दो युवकों ने बीच बचाव कर रहें छात्रा के दो साथियों के साथ भी मारपीट की है। पीड़ित छात्रों ने अपनी शिकायत गोरा बाजार थाना पुलिस में दर्ज करवाई है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
सुनिए छात्रा की जुबानी पूरी घटना…..21 मार्च मंगलवार की रात 11: 37 बजे मैं अपने दो दोस्त स्वप्निल और प्रतीक के साथ रेस्टारेंट से खाना खाकर पैदल लौट रहें, हम तीनों फुटपाथ से चलते आ रहें थे जैसे ही यूनिवर्सिटी के गेट के पास पहुंचे रेड कार में दो लोग आए हमें लगा कोई अधिकारी है, कार रुकी तो उससे दो लोग निकले और हमसे बदतमीजी करते हुए पूछने लगे कि क्या कर रहें हो , कहा से आ रहें हो , हमने उनके हर सवाल का जवाब दिया, हमने बताया कि लॉ के स्टूडेंट है, इसी बीच दोनों युवक बोले कि चलो कार में बैठो , मैंने जब मना किया तो गालियां देने लगे, मेरे दोस्तों ने विरोध किया तो उनके साथ भी मारपीट की। इसी बीच जब हमने अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो हमारा मोबाइल तोड़ दिया। डार्क नीली शर्ट वाले व्यक्ति ने बुरी नियत से मेरा हाथ पकड़ा और बोला कि कैसे कार में नहीं बैठेगी, देखता हूं। मैं घबरा गई और अपना हाथ छुड़ाया। दोनों ही लोग मेरे दोस्तों के साथ गाली-गलौच करते हुए मारने लगे। मैंने जोर से चिल्लाया तो यूनिवर्सिटी के गार्ड आ गए जिसे देखकर दोनों कार से भाग गए। उनकी कार का नंबर जेएच 01 एएच 2406 है।
छात्रा के द्वारा गोराबाजार पुलिस से शिकायत करें 10 दिन से ज्यादा बीत गए पर अभी तक पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। महाराष्ट्र निवासी युवती जबलपुर लॉ यूनिवसिर्टी में फाइनल ईयर में पढ़ रही है। छात्रा ने बताया कि घटना के बाद भी अक्सर लाल कार और वह दोनों युवक यूनिवर्सिटी के पास घूमते दिखते है, अब तो कैंपस से बाहर निकलने में डर लगता है। छात्रा का कहना है कि रेड कार में आर्मी लिखा था, गोराबाजार पुलिस ने दोनों की जानकारी जुटा ली है, पर ना ही उनको अरेस्ट कर रहीं है और ना ही हमें बता रहीं है कि वो कौन है।
छात्रा ने इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और यूनिवर्सिटी के कुलपति को भी अवगत करवाया है। छात्रा का कहना है कि आर्मी एरिया में अगर ऐसी स्थिति बनी हुई है तो ना जाने सिविल जगह में छात्राओं और महिलाओं के क्या हाल होंगे। छात्रा के साथी प्रतीक का कहना है कि घटना को लेकर हमने पुलिस में शिकायत की है पर कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कई लोगों को काल आ रहें है जो कि शिकायत वापस लेनें का दबाव बना रहें है। प्रतीक ने बताया कि आए दिन दोनों ही युवक यूनिवसिर्टी के पास घूमते हुए हमें दिख रहें है, पर पुलिस किसी भी तरह की कार्रवाई नही कर रहीं है।
लॉ की छात्रा को जबरन कार में बैठने और उनके दोस्तों के साथ हुई मारपीट को लेकर भले ही जबलपुर पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रहीं हो पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने घटना को गंभीरता से लिया है। यूनिवर्सिटी में पदस्थ डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रवीण त्रिपाठी का कहना है कि बच्चें वेलेड आउटपास लेकर ही गए थे और 12 बजे तक हॉस्टल में आने का समय है और वह उससे पहले ही आ गए थे। यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि छात्रों के साथ जो घटना हुई है वह गंभीर है, लिहाजा राज्य सरकार को भी पत्र के माध्यम से घटना से अवगत करवाया जाएगा।
लॉ यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर में पढ़ने वाली छात्रा महाराष्ट्र नागपुर की रहने वाली है जबकि प्रतीक उत्तरप्रदेश और स्वप्निल मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले। दो माह बाद पढ़ाई खत्म करके तीनों अपने-अपने घर जाने वाले है। पर उससे पहले छात्रों के साथ हुई इस घटना से ये लोग ना सिर्फ सदमे में है। हालांकि घटना को लेकर विश्वविद्यालय छात्रों के साथ है।
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