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छिंदवाड़ाएक घंटा पहले

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किशनजी पराड़कर, लावाघोघरी के धनौरा गांव में रहने वाले इस युवक ने सूदखोर से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।दरअसल किशनजी पराड़कर छिंदवाड़ा में रहकर हिन्दूस्तान यूनिलीवर में जॉब करते थे, ऐसे में करीब तीन साल पूर्व उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर पचास हजार रुपए बतौर ब्याज पर बसंल कॉलोनी में रहने वाले शख्स से लिया था, लेकिन ब्याज वसूलने के बाद अब ये सूदखोर किशन पर डेढ़ लाख देने का दबाव बना रहा था जिसके कारण ही किशन ने आत्महत्या कर ली थी।

जानकारी में लावाघोघरी टीआई रमजू उईके ने बताया कि धनौरा निवासी 45 वर्षीय किशनजी पिता बिहारी पराड़कर ने गत 21 अप्रैल को अपने पैतृक गांव धनौरा में स्थित खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, इस दौरान उसके पास एक सुसाईड नोट मिला था। जिसमें किशन ने उल्लेख किया था कि उसने बसंल कॉलोनी नरसिंगपुर रोड निवासी 60 वर्षीय गनाराम पिता गेंदलाल बंदेवार से तीन साल पूर्व करीब पचास हजार रुपए लिए थे।

लेकिन अब वो एक लाख साठ हजार की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित कर रहा था। इसी वजह से उसने आत्महत्या कर ली, पुलिस ने सुसाईड नोट और जांच में हुए खुलासे के आधार पर गनाराम बंदेवार के खिलाफ धारा 306 भादवि, 3/4 मप्र ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया है जबकि आरोपी की तलाश शुरु कर दी है।

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