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जबलपुर4 घंटे पहले

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मध्यप्रदेश में जबलपुर और उमरिया में रविवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप 11 बजकर 36 सेकंड पर आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, इसका केंद्र पचमढ़ी से 218 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था। यह केंद्र जमीन के अंदर 23 किमी की गहराई पर था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 रही।

जबलपुर जिले के पनागर, सीहोरा, शहपुरा, चंदिया और कुंडम में भूकंप का असर रहा। लोग घरों से बाहर निकल आए। सिहोरा की ऋचा तिवारी ने बताया कि वे घर में पढ़ाई कर रही थीं। दीवार से टिककर खड़ी हुई थीं, तभी दो से तीन सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस हुए। खिड़की और पलंग हिलने लगा था। जब तक बाहर जाने का सोचा, तब तक झटके बंद हो गए।

भूकंप का केंद्र पचमढ़ी से 218 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था। यह केंद्र जमीन के अंदर 23 किमी की गहराई पर था।

भूकंप का केंद्र पचमढ़ी से 218 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था। यह केंद्र जमीन के अंदर 23 किमी की गहराई पर था।

सिहोरा की ऋचा तिवारी ने बताया कि सुबह 11 बजे 2 से 3 सेकंड भूकंप के झटके महसूस हुए।

सिहोरा की ऋचा तिवारी ने बताया कि सुबह 11 बजे 2 से 3 सेकंड भूकंप के झटके महसूस हुए।

5 महीने पहले भी जबलपुर-उमरिया में आया था 3.9 तीव्रता का भूकंप

5 महीने पहले 31 अक्टूबर 2022 को भी जबलपुर में भूकंप के झटके महसूस हुए थे। तब रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 3.9 मापी गई थी। डिंडौरी, मंडला, अनूपपुर, बालाघाट ​​​​​और उमरिया में भी झटके महसूस हुए थे।

फोटो जबलपुर के कुंडम की है। ये श्रद्धालु दुर्गा मंदिर में शिवलिंग निर्माण और अभिषेक कर रहे थे, तभी झटके महसूस हुए।

फोटो जबलपुर के कुंडम की है। ये श्रद्धालु दुर्गा मंदिर में शिवलिंग निर्माण और अभिषेक कर रहे थे, तभी झटके महसूस हुए।

डेढ़ साल में 8 बार आ चुके भूकंप के झटके

पिछले डेढ़ साल की बात करें तो 2022 में मध्यप्रदेश में उमरिया, सिवनी, मंडला, सिवनी, जबलपुर, डिंडौरी में झटके महसूस हुए हैं। पश्चिमी मध्यप्रदेश में देवास और अलीराजपुर में कंपन हुआ। जबलपुर और उमरिया में आए भूकंप को मिलाकर अब तक डेढ़ साल में 8 बार भूकंप के झटके आ चुके हैं।

इस क्षेत्र में इसलिए आते हैं भूकंप…

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह का कहना है कि नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है। शहडोल, अनूपपुर, उमरिया इसके बाद जबलपुर और होशंगाबाद के सभी जिले, इंदौर संभाग में खंडवा, बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर के अलावा धार और देवास नर्मदा नदी के तट पर हैं। बारिश का पानी जमीन में जाता है, तो जमीन के नीचे मौजूद कैल्शियम की चट्‌टानें सिकुड़ती हैं। कई बार प्रेशर की वजह से हल्की आवाज के साथ जमीन धंसती है। यह कई बार भूकंप के रूप में रिकॉर्ड नहीं होता। पिछले एक-दो साल में सिवनी, मंडला, छिंदवाड़ा जिले में इसी वजह से भूंकप के झटके देखने को मिले हैं।

कम गहराई के कारण महसूस होते हैं झटके

भू-वैज्ञानियों के अनुसार, भूकंप का केंद्र ज्यादा गहराई में नहीं होने के कारण भूकंप के झटके महसूस होते हैं। यदि ज्यादा गहराई में हलचल होगी, तो यह झटके महसूस नहीं होंगे। 2020 और 2021 में भूकंप के झटकों का केंद्र 5 से 10 किमी की गहराई में था। तब इसी वजह से झटके महसूस हुए थे। 2021 के अक्टूबर-नवंबर के महीने में सिवनी में कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए थे। रिक्टर स्केल पर 5 बार धरती हिली थी। अक्टूबर 2021 में सिवनी में पहला भूकंप 3.3 तीव्रता का रहा था। 31 अक्टूबर 2021 को दिन में दो बार भूकंप आए। इनकी तीव्रता 3.1 और 3.5 रही। अक्टूबर के बाद 9 नवंबर 2021 को फिर धरती हिली। इसकी तीव्रता 3.4 रही। 22 नवंबर 2021 को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र सतह से 10 किमी की गहराई में था। मौसम वैज्ञानियों का कहना है कि इस तरह के भूकंपों की भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है।

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