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- Will Come To Bhopal On 3 August; 800 Artists From All Over The Country Will Perform For 3 Days
भोपाल17 मिनट पहले
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
उत्सव के बारे में जानकारी देती संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पूरेचा, साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव और प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला।
राजधानी भोपाल में 3 से 5 अगस्त तक भारत की लोक एवं जनजीय अभिव्यक्तियों का राष्ट्रीय उत्सव ‘उत्कर्ष और उन्मेष’ का आयोजन होगा। 3 अगस्त को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुभारंभ करेंगी। उत्सव में देशभर से आए करीब 800 कलाकार 3 दिन तक प्रस्तुतियां देंगी।
राष्ट्रीय रविंद्र भवन के हंसध्वनि सभागार में उत्सव का शुभारंभ करेंगी। राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे। संस्कृति मंत्रालय के संगीत नाटक एवं साहित्य अकादमी संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश के सहयोग से यह आयोजन करेगी। संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार की अध्यक्ष डॉ. संध्या पूरेचा, साहित्य अकादमी भारत सरकार के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव, संस्कृति और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने मंगलवार को आयोजन की जानकारी भी दी।
देशभर से जुटने लगे कलाकार
सचिव डॉ. राव ने बताया कि कार्यक्रम में 575 से ज्यादा लेखक सहभागिता करेंगे। इतने लेखकों की मौजूदगी आज तक किसी कार्यक्रम में नहीं रही। पिछली बार शिमला में हुए आयोजन में 425 लेख शामिल हुए थे। लेखन में रूचि रखने वाले चिकित्सक भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। सभी कलाकार एक-दूसरे की कलां-संस्कृति को भी जान सकेंगे।
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राष्ट्रपति के स्वागम के लिए देशभर के कलाकार रिहर्सल में जुटे हुए हैं।
राष्ट्रीय मुर्मू के स्वागत के लिए तैयारियों का दौर
राष्ट्रीय मुर्मू के ऐतिहासिक स्वागत के लिए 500 से ज्यादा कलाकार दिन-रात जुटे हुए हैं। देश के विभिन्न राज्यों के लोक एवं जनजातीय नृत्यों की सामृहिक प्रस्तुति होगी। रविंद्र भवन को भी सजाने का काम चल रहा है।
ऑनलाइन भी देख सकेंगे इवेंट्स
उत्सव का प्रसारण संगीत नाटक अकादमी के फेसबुक एवं यू-ट्यूब चैनल समेत संस्कृति के सोशल प्लेटफार्म पर किया जाएगा।
‘उन्मेष’ उत्सव में यह इवेंट्स होंगे
उन्मेष उत्सव अंतर्गत अंतराष्ट्रीय साहित्य उत्सव मनाया जाएगा। इसमें बहुभाषी कविता पाठ, लेखन पाठ, आदिवासी कवि सम्मेलन, साहित्य के विषयों पर परिचर्चा, आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता पाठ और साहित्य के उत्थान संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रबुद्धजनों द्वारा विर्मश किया जाएगा। इसके साथ ही पुस्तक मेला में साहित्य अकादमी एवं अन्य प्रकाशकों की प्रस्तुकें बिक्री के लिए सुबह 10 से शाम 6 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। उत्सव के दौरान साहित्य अकादमी द्वारा प्रख्यात लेखकों पर बनी डॉक्युमेंट्री को भी दिखाया जाएगा।
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राष्ट्रपति के दौरे के चलते रविंद्र भवन को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है।
‘उत्कर्ष’ में शाम 5 बजे से होगी नृत्यों की प्रस्तुति
उत्कर्ष उत्सव के तीनों दिन शाम 5 बजे से रविंद्र भवन के सभागार में भारत के लोक नृत्य और जनजागीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। इससे पहले 2 अगस्त को शाम 7 बजे कला यात्रा निकाली जाएगी। उत्सव के पहले दिन विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। लेह-लद्दाख का जबरो, नागालैंड का सुमी वार नृत्य, गोवा का समय नृत्य, सिक्किम का सिंधी छम, मध्यप्रदेश का राई नृत्य, मेघालय का वांग्ला नृत्य, मध्यप्रदेश का बरेदी नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, असम का बीहू नृत्य, ओडिशा का सिंगारी नृत्य, झारखंड का पाइका नृत्य और आंध्रप्रदेश का टप्पेटा गुल्लू नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
- उत्सव के दूसरे दिन 4 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश का आजी लामू नृत्य, हिमाचल प्रदेश का सिरमौरी नाटी, छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य, असम का तिवा, हरियाणा का फाग, उत्तर प्रदेश का मयूर रास, झारखंड का झूमुर, मणिपुर का ढोल चोलम एवं थांग टा नृत्य, तमिलनाडु का करगट्टम, पश्चिम बंगाल का नटुवा नृत्य, कर्नाटक का पूजा कुनिथा और गुजरात का मणीयारो रास नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
- अंतिम दिन 5 अगस्त को कश्मीर का रौफ नृत्य, सिक्किम का सोराठी, बिहार का झिझिया, त्रिपुरा का होजागिरी, छत्तीसगढ़ का गौड़ मारिया, केरला का पुलकली, उत्तराखंड का छपेली, ओडिशा का गोटीपुआ, पंजाब का भांगड़ा, बंगाल का पुरुलिया छऊ, तेलंगाना का ओग्गू डोलू और मध्यप्रदेश का गुदुम बाजा नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
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