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नीमचएक घंटा पहले
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कोई भी संगठन या समाज का जुलुस निकलते समय हमेशा पुलिस, प्रशासन सहित आयोजकों के लिए एक बड़ी चुनौती रहती थी शांति व्यवस्था बनाए रखना। हर बार इसके लिए आयोजन की अनुमति लेने वाले चुनिंदा 1-2 आयोजक टेंशन में रहते थे। लेकिन नीमच पुलिस ने अब एक नया प्रैक्टिकल करते हुए वॉलिंटियर्स को आयोजन के लिए आइडेंटी कार्ड देना शुरू कर दिया है। जिसमें वह वॉलिंटियर्स उस आयोजन दिनांक और समय के लिए एक तरह से सोशल पुलिसिंग की भूमिका में आ जाते हैं और जिम्मेदार भी हो जाते हैं साथ ही अधिकृत वॉलिंटियर्स की संख्या ज्यादा होने के कारण शांति से आयोजन संपन्न होता है।
दरअसल नीमच कैंट थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह सिसोदिया ने इस संदर्भ में जिला पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को एक सुझाव दिया जिसे सहर्ष रूप से अधिकारियों ने सराहना करते हुए स्वीकार किया। ये सुझाव काफी कारगर साबित हुआ जिसके तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में निकलने वाले जुलूस चल समारोह में पहले 10 से 15 वॉलिंटियर्स के साथ बैठक कर उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी जाती है और उन्हें ही ही थाने की ओर से एक परिचय पत्र बना कर दिया जाता है, जिसके चलते हैं वे जुलूस या चल समारोह की व्यवस्था संभालने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाते हैं। परिचय पत्र होने के कारण जुलूस या चल समारोह में शामिल लोग भी उनकी बात मानते हैं और इस कारण से कहीं ना कहीं उत्पात करने वालों पर लगाम लगी रहती है।
सामान्य तौर पर किसी चल समारोह के लिए 10 से 15 पुलिस अधिकारी कर्मचारी तैनात रहते हैं,लेकिन इस नए आईडिया के कारण एक तरह से जुलूस पर नजर रखने वालों की संख्या 30 से 40 हो जाती है। यह परिचय पत्र प्राप्त वही लोग होते हैं जी कि उस जुलूस या चल समारोह आयोजन के वास्तविक आयोजक होते हैं। बीते दिनों नीमच सिटी में निकला जुलूस हो या जिले के अन्य सभी आयोजन इस प्रयास के कारण काफी मदद पुलिस को मिली है, साथ ही जिले मैं होने वाले विभिन्न आयोजन में अशांति फैलने की संभावना न्यूनतम होती जा रही है।
जानकारी के अनुसार पुलिस के इस नवाचार को नीमच कैंट थाने के बाद जिले सहित अन्य जिलों के थानों पर भी प्रयोग में लाया जा सकता है यदि हो ऐसा होता है तो नवागत पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी के नेतृत्व में नीमच से शुरू हुआ नवाचार सभी पुलिस थानों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
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