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अशोकनगरएक घंटा पहलेलेखक: भरत जैन/नवीन तिवारी/अभय सिंघई
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सीएम ने करीब 5 साल पहले शाढ़ौरा, पिपरई और सेहराई में शासकीय कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। उपचुनाव से पहले उनके द्वारा की गई घोषणा के बाद कॉलेज भी खोले गए लेकिन अब तक इन कॉलेजों को खुद की बिल्डिंग नहीं मिल पाई।
ये कॉलेज फिलहाल या तो शासकीय स्कूलों के कमरों में चल रहे हैं या पुराने तहसील भवन में। जहां छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। साथ ही पर्याप्त स्टाफ भी इन कॉलेजों को नहीं मिल पाया है।
भास्कर ने जिले में खोले गए 3 शासकीय कॉलेजों में पड़ताल की तो किसी भी कॉलेज की बिल्डिंग नहीं बन पाई है। वे मिडिल, हायर सेकंडरी स्कूल की बिल्डिंग में चल रहे हैं या फिर पुराने तहसील भवन में। सीएम की घोषणा के बाद क्षेत्र के विद्यार्थियों को कॉलेज की सौगात तो मिली लेकिन अब भी उनको परीक्षा देने के लिए या तो मुंगावली के कॉलेज जाना पड़ रहा है या जिला मुख्यालय के नेहरू डिग्री कॉलेज।
स्कूल के कमरों में चल रहा कॉलेज, बिल्डिंग का काम शुरू
सेहराई। सेहराई में शासकीय कॉलेज अभी मिडिल और हायर सेकंडरी स्कूल के 5 कमरों में संचालित हो रहा है। जहां 2 प्रोफेसर, 6 अतिथि शिक्षक, 6 आउट सोर्स के कर्मचारी पदस्थ हैं। जुलाई 2019 से कॉलेज संचालित होना शुरू हो गया था लेकिन अब तक इसकी बिल्डिंग नहीं बन पाई। कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि खलीलपुर में शासकीय कॉलेज के लिए 4 करोड 34 लाख रुपए की लागत से बिल्डिंग बनाई जा रही है।
टेंडर अब तक नहीं
शाढ़ौरा। हायर सेकंडरी स्कूल के 5 कमरों में शासकीय कॉलेज संचालित हो रहा है। इस कॉलेज की घोषणा भी सीएम ने की थी। जिसके बाद आनन फानन में कॉलेज को स्कूल की बिल्डिंग में संचालित करना पड़ा था। कॉलेज प्राचार्य देवेंद्र सिंह धाकड़ ने बताया कि कुंडलपुर मंदिर पर कॉलेज की बिल्डिंग के लिए जगह स्वीकृत हो चुकी है लेकिन अभी उसका टेंडर न होने के कारण बिल्डिंग का काम शुरू नहीं हुआ।
आज परीक्षाएं शुरू : पड़ोस के कॉलेजों में होगी परीक्षा
शासकीय कॉलेजों की बीए प्रथम वर्ष की परीक्षाएं शनिवार से शुरू हो रही हैं। इन कॉलेजों में अव्यवस्थाएं और जगह कम होने के कारण पड़ोस के बड़े कॉलेजों में परीक्षा देने जाना पड़ेगा। शाढौरा के शासकीय कॉलेज के 139 विद्यार्थी अशोकनगर के शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज में परीक्षा देने आएंगे। सेहराई के प्राचार्य आरआर आर्य ने बताया कि 89 छात्र-छात्राएं मुंगावली कॉलेज में परीक्षा देने जाएंगे। सुबह 9 से दोपहर 12 तक परीक्षा चलेगी। इसी तरह पिपरई के कॉलेज के विद्यार्थियों को पेपर देने मुंगावली के कॉलेज जाना पड़ेगा। प्राचार्य राजमणि यादव ने बताया कि जगह की कमी के चलते मुंगावली कॉलेज परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को भेजते हैं।
तहसील भवन में कॉलेज, न पानी न शौचालय
पिपरई। कॉलेज का भवन ना होने के कारण पहले तो यह शासकीय हाई सेकंडरी स्कूल में चलता फिर इसे पुराने तहसील भवन में शिफ्ट कर दिया। जहां छोटे-छोटे कमरे में कॉलेज की क्लासें लग रही हैं। विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल कुर्सी भी टूट चुकी हैं। दूसरी तरफ पेयजल व शौचालय की व्यवस्था ना होने से स्टाफ और विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां करीब 500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। कॉलेज के लिए ततारपुर के पास जगह स्वीकृत हुई है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है।
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