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रीवा13 मिनट पहले
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संभागायुक्त अनिल सुचारी ने देखी उद्यानिकी विभाग की नर्सरी।
रीवा संभागायुक्त अनिल सुचारी ने शासकीय नर्सरी गोविंदगढ़ का निरीक्षण किया। वहां नर्सरी का संचालन एवं प्रबंधन, उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। संभागायुक्त ने नर्सरी में रोपित सुंदरजा, लंगड़ा, मल्लिका, अल्फांसो, दशहरी सहित विभिन्न किस्मों के आम, अमरूद के बगीचों का निरीक्षण किया। संभागायुक्त ने नर्सरी में तैयार किए जा रहे 15 हजार सुंदरजा आमों का देखा है।
आधुनिक तरीके से करें प्रबंध
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि 50 एकड़ में फैली नर्सरी का प्रबंधन आधुनिक तरीके से करें। यहां पौधों के बीच-बीच में सब्जियों की खेती कर फलों के बगीजों को लाभकारी बनाया जा सकता है। गोविंदगढ़ की नर्सरी को सुंदरजा आम की नर्सरी के रूप में विकसित करें। क्योंकि सुंदरजा आम विंध्य की पहचान है। जीआई टैग मिलने के बाद से विश्व स्तर पर सुंदरजा आम की पहचान स्थापित हो रही है।
आम की अन्य किस्मे भी लगाएं
निर्देश दिए गए कि नर्सरी में अन्य आम की किस्मों का रोपण कराएं। अमरूद की नर्सरी में भी नए पौधे और अन्य नई किस्मों को विकसित करें। संभागायुक्त ने आम की नर्सरी में नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यापारियों से संवाद किया। संभागायुक्त ने नर्सरी की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल बनाने का प्रस्ताव तत्काल भेजने के निर्देश दिए।
नर्सरी में लगे चीकू और अमरूद के कई प्लाट
सहायक संचालक उद्यानिकी योगेश पाठक ने बताया कि नर्सरी में 50 एकड़ पर पौधे रोपित किए गए हैं। मुख्य रूप से आम की सुंदरजा, मल्लिका, अल्फांसो, लंगड़ा और दशहरी किस्मों के पेड़ हैं। इसके साथ-साथ चीकू और अमरूद के भी कई प्लाट हैं। इनके फलों की नीलामी से लगभग 14 लाख रुपए की सालाना आय होती है।
15 स्थायी मजदूरी कर रहे कार्य
योगेश पाठक ने कहा कि नर्सरी में 15 स्थायी मजदूरी कार्य कर रहे हैं। बारिश होने पर सफाई कराकर जुताई कराई जाएगी। नर्सरी में सुंदरजा आम के 15 हजार पौधे तैयार हैं। भवन के सुधार और नई किस्मों के पौधे तैयार करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इस अवसर पर सतीश निगम और उद्यानिकी विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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