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भोपाल15 मिनट पहले
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अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नंदकुमार साय ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। छत्तीसगढ़ की मौजूदा राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले नंदकुमार साय ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा भेज दिया। नंदकुमार के इस्तीफे से एमपी में भी सियासी हलचल तेज है। मप्र की पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने ट्वीट कर लिखा- बड़ा झटका लगा य़ह जानकर कि श्री नन्द कुमार साय जी ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। नन्द कुमार जी और मैंने संयुक्त मध्यप्रदेश में एक साथ बीजेपी में काम किया है।
मेरी छवि को धूमिल करने पार्टी में ही किए जा रहे षड़यंत्र
साय ने पत्र में लिखा है कि ‘भारतीय जनता पार्टी के गठन एवं अस्तित्व में आने के प्रारंभ से लेकर आज पर्यंत तक पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों एवं उत्तरदायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैंने अपने उत्तरदायित्व एवं पदों का निर्वहन किया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।उन्होंने आगे पत्र में लिखा कि ‘पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरुद्ध अपने ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक मिथ्या आरोप अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं। बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’
मप्र छत्तीसगढ़ की राजनीति में साय का अहम रोल
नंदकुमार साय अविभाजित मप्र में तीन बार विधायक रहे हैं। टपकरा विधानसभा से वे विधायक रहे हैं। जिस वक्त मप्र से छत्तीसगढ़ राज्य अलग हुआ उस वक्त नंदकुमार साय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। छत्तीसगढ़ की रायगढ़ लोकसभा से तीन बार सांसद रह चुके हैं। बीजेपी से दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। 2003 से 2005 तक वे छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। साय ने बीजेपी छोड़ने से पहले फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया।
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