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सिवनी23 मिनट पहले
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सिवनी के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में लंगड़ी बाघिन घायल हो गई। यहां वन्य प्राणी चिकित्सक ने डार्ट लगाकर उसका इलाज किया। बाघिन के घायल होने से पेंच प्रबंधन की चिंता बढ़ गई थी। वहीं बाघिन उपचार के बाद स्वस्थ बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेंच की बड़ी मादा बाघिन से द ग्रेट मॉम की उपाधि प्राप्त कालरवाली और लंगड़ी बाघिन का जन्म हुआ था।
हालांकि कालरवाली के दो साल बाद लंगड़ी ने जन्म लिया। जिसे टी-20 के नाम से पेंच प्रबंधन जानता है। सफारी के दौरान सैलानियों व सफारी गाड़ी में सवार गाइड ने लंगड़ी बाघिन को घायल अवस्था में देखा। जिसकी जानकारी पेंच प्रबंधन को दी। पर्यटकों और गाइड की सूचना के बाद वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल बाघिन का उपचार किया।
इसके बाद अब दोबारा लंगड़ी बाघिन स्वस्थ्य बताई जा रही है। पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान पर्यटक और गाइड ने टी-20 बाघिन (लंगड़ी) को कर्माझिरी कोर एरिया में बड डोबरी के पास बैठा देखा था। टी-20 बाघिन (लंगड़ी) के चोटिल अवस्था में दिखाई देने पर पर्यटकाें-गाइडाें ने इसकी जानकारी पेंच प्रबंधन के कर्मचारियाें को दी।
सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी व परिक्षेत्र सहायक ने मौके पर पहुंचकर बाघिन की स्थिति देखने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। बताया कि लंगड़ी बाघिन घायल है। बाघिन के घायल होने की पुष्टि होने पर वरिष्ठ अधिकारियाें के मार्गदर्शन में वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा ने जंगल पहुंचकर टी-20 बाघिन (लंगड़ी) का डार्ट के माध्यम से उपचार किया। पेंच टाइगर रिजर्व में देश के कई हिस्सों से पर्यटक बाघ देखने आते हैं। उन्हें देखकर रोमांचित हो उठते हैं।
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