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  • Ban Imposed On Those Staying In Guest House Without Approval, Removed In 24 Hours, Congress Asked: What Is It Like There?

भोपाल2 घंटे पहले

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अटल बिहारी वाजपेई सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) स्वतंत्र कुमार सिंह को संस्थान के गेस्ट हाउस में आने-जाने, ठहरने वालों पर सख्ती करना भारी पड़ गया। स्वतंत्र कुमार सिंह ने 12 मई यानि शुक्रवार को आदेश जारी कर सुशासन संस्थान के गेस्ट हाउस में ठहरने वालों की जानकारी रजिस्टर में एंट्री करने का आदेश दिया। इस आदेश के 24 घंटे के भीतर ही सीईओ स्वतंत्र कुमार सिंह को सुशासन संस्थान से हटाकर उन्हें मंत्रालय में सचिव बनाकर बिना किसी विभाग के अटैच कर दिया।

कांग्रेस ने पूछा-गेस्ट हाउस में ऐसा क्या है?
इस आदेश को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- ऐसा क्या होता है अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन व नीति विश्लेषण संस्थान के गेस्ट हाउस में जहां कौन आता-जाता,रुकता है,12 मई को मात्र यह जानकारी मांगने पर 13 मई को ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी (IAS) को अवकाश के दिन आदेश निकाल कर मंत्रालय में (बिना विभाग)पदस्थ कर दिया? कुछ तो जरूर है?

वो दस प्वाइंट जिनकी सख्ती के बाद हटे स्वतंत्र कुमार सिंह
12 मई को अटल बिहारी वाजपेई सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) के सीईओ स्वतंत्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस बैठक में AIGGPA के प्रमुख अधिकारी और एडवाइजर शामिल हुए थे। इस बैठक में सीइओ ने 10 बिन्दु के मुख्य आदेश दिए थे ।

  • AIGGPA के सेवा नियम, आचरण नियमों के परिपेक्ष्य में सभी अकादमिक एवं प्रशासनिक अधिकारी और उनके अधीनस्थ स्टाफ द्वारा कार्यालय में किये जाने वाले कामों, रिपोर्ट, गतिविधियों में पूरी तरह गोपनीयता रखी जाए।
  • किसी भी गैर सरकारी फर्म या व्यक्ति के साथ संस्थान के किसी भी डाटा को सक्षम अनुमति के बिना साझा (share) न किया जाए।
  • यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, जिससे संस्थान के गोपनीय डाटा, बाहरी गैर सरकारी व्यक्ति या संस्थान के साथ अनाधिकृत रूप से साझा (share) किए जा रहे हैं, तो उनके कठोर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
  • संस्थान के सभी केन्द्र प्रमुख अपने अधीनस्थ कार्यरत कंसल्टेंट, रिसर्च एसोसिएट एवं इंटर्नस को इसी तरह गोपनीयता बनाए रखने के सख्त निर्देश दें।
  • यदि संस्थान के किसी भी व्यक्ति को अपने किसी भी सहकर्मी द्वारा की जा रही ऐसी गतिविधियों की जानकारी है, तो तत्काल मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गोपनीय रूप से सूचित करें।
  • संस्थान के मुख्य प्रवेश द्वार पर गार्ड द्वारा रजिस्टर बनाकर संस्थान में आने-जाने वाले व्यक्तियों जानकारी (नाम, मोबाईल नम्बर आदि) और संबंधित से मिलने का कारण की प्रविष्टि करना अनिवार्य होगा।
  • परिसर की सुरक्षा कड़ी की जाये। परिसर में कार्यरत सभी कर्मचारी जैसे माली, गार्ड, सफाईकर्मी आदि की निगरानी हेतु एक पर्यवेक्षक (सुपरवाईजर) की व्यवस्था की जाए।
  • भविष्य में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों को देखते हुए, संस्थान के अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) के कक्षों को तत्काल खाली करवाया जाए। इसके साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अनुमति से ही कक्ष आवंटित किए जाएं।
  • गेस्ट हाउस में सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जाएं और गार्ड की व्यवस्था की जाए।
  • गेस्ट हाउस में ठहरे हुए अतिथियों और आने-जाने वालों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाए।

स्वतंत्र बोले- शासन के आदेश पर मुझे कुछ नहीं कहना

ये शासन के अधीन आदेश होते हैं, जैसा शासन का आदेश होता है शासकीय अधिकारी को उसका पालन करना पड़ता है। मैं इसके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। स्वतंत्र कुमार सिंह, सचिव मप्र शासन(मंत्रालय)

इन पदों पर थे स्वतंत्र
स्वतंत्र कुमार सिंह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल में ओएसडी सह-संचालक थे। राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव के साथ ही अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सीईओ का अतिरिक्त प्रभार था। इन सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर उन्हें मंत्रालय में बिना किसी विभाग की जिम्मेदारी दिए सचिव बनाया गया है।

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