[ad_1]
खंडवाएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक

नाबालिक लड़की को भगाकर शादी करने वाले आरोपी को खंडवा कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। सजा का आधार नाबालिक से जन्मी संतान बनी। संतान और आरोपी के डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इसी से साबित हुआ कि आरोपी ने लड़की के नाबालिक रहते हुए शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी नाबालिक ने आरोपी का बचाव किया। लेकिन मेडिकल साक्ष्य के आधार पर आरोपी दोषी पाया गया।
सजा विशेष न्यायालय (पॉक्सो) प्राची पटेल की कोर्ट ने आरोपी सावन (29) पिता शिवशंकर यादव निवासी ग्राम भंडारिया को सुनाई है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी एडीपीओ रूपेश तमोली ने की। घटना 20 अक्टूबर 2018 की है। तब नाबालिक के पिता ने बेटी की गुमशुदगी थाना कोतवाली पर दर्ज कराई थी। पुलिस ने छानबीन की तो नाबालिक बेटी को पीथमपुर में आरोपी सावन के कब्जे से दस्तयाब किया। 20 अक्टूबर को पीड़िता अपनी नानी के साथ बस से इंदौर जा रही थी, तभी वह रास्ते में उतर गई और दूसरी बस से अपने प्रेमी सावन के साथ इंदौर होकर पीथमपुर चली गई थी।
पीथमपुर में नाबालिक और सावन ने राजी-मर्जी के साथ एक शिव मंदिर शादी कर ली। फिर दोनों पति-पत्नी के तरह रहे। पुलिस पूछताछ में पीड़िता ने बताया था कि, सावन ने मेरे साथ मेरी मर्जी के विरूद्ध संबंध बनाए। जिससे मुझे 6 माह का गर्भ है। पुलिस ने केस दर्ज कर डायरी कोर्ट में पेश की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया। वह आरोपी प्रेमी का बचाव करती रही। लेकिन मेडिकल जांच में पीड़िता के गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए, आरोपी के डीएनए से मेल खाया। इसी आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।
[ad_2]
Source link