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  • The Acceptance Letter Of The Estimate Has Not Come Even Though It Has Been Approved Two Months Ago.

रतलाम16 मिनट पहले

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13 करोड़ रुपए के खर्च वाले रिवाइज एस्टीमेट को मंजूरी मिलने के बावजूद डेढ़ साल से अटका सुभाष नगर फ्लाईओवर का काम ठप पड़ा है। वजह जानकर चौक जाएंगे क्योंकि सरकार की ईएफसी (इंपावर्ड फाइनेंस कमेटी) ने मार्च में ही रिवाइज एस्टीमेट को स्वीकृति दे दी, लेकिन इसका लेटर अब तक भोपाल से स्थानीय सेतु निर्माण विभाग नहीं पहुंचा है। इस वजह से अधूरा सिविल वर्क अभी भी शुरू नहीं हो पाया है। इस सरकारी लेटलतीफी का परिणाम डोंगरे नगर, मुखर्जी नगर, मोहन नगर समेत दस से ज्यादा कॉलोनियों के रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें मुख्य बाजार तक पहुंचने के लिए दो से तीन किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं एक माह में बारिश होने लगेगी, ऐसे में अधूरा निर्माण इस बार भी लोगों के लिए मुसीबत बनेगा। अभी सिर्फ रेलवे फाटक नंबर 81 के मुख्य हिस्से में ही हलचल है।

ट्रैक के ऊपर वाले मुख्य भाग में स्टील गर्डर लगाने के बाद अब फिनिशिंग वर्क किया जा रहा है। यह भी 20 दिनों में पूरा हो जाएगा। तब भी अप्रूवल लेटर नहीं आया तो फ्लाईओवर का काम पूरी तरह बंद हो जाएगा।
अभी सिर्फ रेलवे के हिस्से में चल रहा काम, यह भी 20 दिन में पूरा हो जाएगा

शॉर्ट टेंडर करके हटाई रेलवे के काम में अड़चन बन रही बिजली लाइन: अच्छी बात यह है कि रेलवे वाले हिस्से का काम पूरा होने आया है। बिजली की लाइन इसके भी आड़े आ रही थी, उसे हटाने के लिए सेतु निर्माण विभाग ने नई तरकीब लगाई। अफसरों ने 14 लाख रुपए का शॉर्ट टेंडर करके फाटक के आसपास की लाइन शिफ्ट करवा दी। अब रेलवे वाले हिस्से में काम नहीं रुकेगा।

बिजली लाइन शिफ्टिंग के टेंडर हो गए लेकिन अवार्ड नहीं हो पा रहा: आलम यह है कि रिवाइज एस्टीमेट अप्रूव होने के बाद सेतु निर्माण विभाग ने ताबड़तोड़ बिजली लाइन शिफ्टिंग के टेंडर निकाल दिए। ये खुल भी गए हैं, लेकिन स्वीकृति पत्र नहीं आने से अफसर अवार्ड नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि काम तेजी से करने के लिए जिन मकानों को ताबड़तोड़ जमींदोज कर दिया गया, वहां अब भी खंडहर दिखाई दे रहा है।

पहले ही 23 से 36 करोड़ तक पहुंच चुकी है लागत: सरकारी लापरवाही के चलते पहले ही फ्लाईओवर की लागत 23 करोड़ से 36 करोड़ रुपए हो चुकी है। 2016 में जब डीपीआर बनी थी, तब 23 करोड़ के खर्च का आकलन किया गया था। योजना में बदलाव फिर टेंडर होने से ब्रिज का काम ही 2020 में प्रारंभ हो पाया। 2021 में बिजली और पानी की लाइन शिफ्ट नहीं होने से अटक गया, जो अब तक रुका पड़ा है। 1 जून से शिफ्ट होने लगेगी पानी की लाइन: ब्रिज के दायरे में आ रही नगर निगम की पानी की लाइन 1 जून से शिफ्ट होने लगेगी। इसके लिए सेतु निर्माण विभाग निगम को 1 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है। 175 मीटर लंबी यह पानी की लाइन फाटक के पास से होकर हाट की चौकी तक आ रही है।

1 जून से पानी की लाइन शिफ्ट होना शुरू हो जाएगी। इसके बाद बिजली लाइन भी हटाई जाएगी। इसके लिए 3.18 करोड़ का टेंडर हो चुका है। अवार्ड नहीं हो पा रहा क्योंकि मंजूर हो चुकी रिवाइज एस्टीमेट स्वीकृति पत्र नहीं आया है। इसके जल्द आने की उम्मीद है, उसके बाद काम पूरी रफ्तार पर शुरू हो जाएगा। -रघुनाथ सूर्यवंशी, एसडीओ-सेतु निर्माण विभाग

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