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सेंधवाएक घंटा पहले
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ऑनलाइन गेमिंग एप ने एक ट्रक ड्राइवर को करोड़पति बना दिया। युवक ने ड्रीम-11 एप पर आईपीएल के दूसरे मैच में टीम बनाई थी। इसमें उसे पहला स्थान प्राप्त हुआ। उसने 1.5 करोड़ रुपए जीते है। वह अकाउंट में 1.05 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर सकता है। वहीं 30 प्रतिशत (45 लाख) रुपए टैक्स में कट जाएंगे।
बड़वानी जिले के सेंधवा के वार्ड 3 घोड़ेशाह वली बाबा मोहल्ले में रहने वाले ड्राइवर शाहबुद्दीन ने बताया कि मैं करीब 2 साल से ऑनलाइन गेमिंग एप पर टीम बनाकर अपनी किस्मत आजमा रहा हूं। कोलकाता और पंजाब के बीच हुए मैच में मैंने 49 रुपए एंट्री फीस वाली कैटेगरी में टीम बनाई। इसमें मुझे पहला स्थान मिला।
शाहबुद्दीन ने ड्रीम-11 में पहला स्थान प्राप्त कर डेढ़ करोड़ रुपए जीते।
कोलकाता-पंजाब के मैच में बनाई थी टीम
शाहबुद्दीन ने कोलकाता और पंजाब के मैच में ड्रीम 11 टीम में कप्तान अर्शदीप और उपकप्तान एस रजा को बनाया था। इसके साथ ही टीम में शिखर धवन, बी राजपक्षा, आर गुरबाज, नितेश राणा, व्यंटेश अय्यर, आंद्रे रसल, सैम करन, टीम साउथी और आर चहर भी थे।
कोलकाता और पंजाब के मैच में शाहबुद्दीन ने ये टीम बनाई थी।
20 लाख निकाले, 6 लाख टैक्स कटा
शाहबुद्दीन के बताए अनुसार, उसने शनिवार को जीती हुई राशि में से 20 लाख रुपए निकाले। इसमें से 6 लाख रुपए टैक्स के रूप में कटे और 14 लाख रुपए उसके बैंक खाते में आएंगे। जो अभी प्रोसेस में बता रहा है। डेढ़ करोड़ रुपए की इनामी राशि का फर्स्ट प्राइज उसके ड्रीम-11 वॉलेट में आ चुका है।
पहला स्थान पाने के बाद मोबाइल में बनाई टीम को देखता शाहबुद्दीन।
कई बार भाई से बहस हुई, उन्होंने हार नहीं मानी
शाहबुद्दीन के छोटे भाई अकरम ने बताया कि भाई करीब 2 साल से इस ऑनलाइन मोबाइल एप के माध्यम से क्रिकेट टीम पर पैसा लगाकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कई बार बड़े भाई से इसको लेकर उनकी बहस भी हुई। भाई हर बार उन्हें तसल्ली देते थे कि एक दिन हमारी किस्मत जरूर चमकेगी। रमजान के पाक महीने में खुदा का रहम हुआ है और हम पर रहमत बरसी है।
ड्रीम-11 में पहला स्थान मिलने के बाद परिवार के साथ खुशी मनाता शाहबुद्दीन।
खुद का घर बनाने का सपना
शाहबुद्दीन का कहना है कि वह अभी किराए के मकान में रहता है। सबसे पहले उसका सपना है कि वह इस इनामी राशि से खुद का घर बनाएगा। इसके बाद कुछ अन्य व्यवसाय करेगा। इतनी बड़ी इनामी राशि जीतने के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। लोग फोन लगाकर और घर आकर बधाई दे रहे हैं।
ड्राइवरी कर चलाते है घर
शाहबुद्दीन के परिवार में पिता साबिर शेख, मां, पत्नी, छोटा भाई उसकी पत्नी और बच्चे हैं। पिता और छोटा भाई भी ड्राइवर है। मां, पत्नी और छोटे भाई की पत्नी गृहिणी है। युवक ने बताया कि करीब 20 साल पहले पिता सेंधवा आए थे। घर की माली हालत काफी खराब थी। इसलिए ज्यादा पढ़ाई भी नहीं कर पाए। पिता के साथ ड्राइवरी सीखी और खुद ट्रक चलाने लगे। छोटा भाई अकरम भी ड्राइवर का काम करता हैं।
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