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जबलपुर41 मिनट पहले

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मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए मेरी उपेक्षा की गई, और यह पहली बार की बात नही…ऐसा पहले भी हुआ, जिला प्रशासन के इस बर्ताव से मैं बहुत आहत हुई हूं…ये कहना है राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक का। यह पूरा घटनाक्रम हुआ है, 21 जून को अंतर्राष्टीय योग दिवस के दिन जब शहर के गैरिसन मैदान में हुए योग कार्यक्रम में ही राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक को बुलाया और ना ही इनविटेशन कार्ड में उनका नाम लिखा। राज्यसभा सांसद ने इस उपेक्षा से आहत होकर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कलेक्टर की शिकायत की है।

जानें क्या कहा दैनिक भास्कर से सुमित्रा बाल्मिक ने…मैं छिंदवाड़ा में थी तब मेरे पास जबलपुर अपर कलेक्टर का फोन आया था, उन्होंने मुझसे पूछा कि 21 जून को उपराष्ट्रपति जबलपुर आ रहे हैं आप क्या जबलपुर में रहेंगे। इस पर मैंने कहा कि हमारे पार्लिमेंट के उपराष्ट्रपति जबलपुर आ रहे हैं तो मैं 20 और 21 जून को जबलपुर में ही रहूंगी। जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी बावजूद इसके योग दिवस के कार्ड में नहीं मेरा नाम लिखवाया गया और ना ही मंच पर मेरे लिए कुर्सी रखी गई। 21 जून को तो मंच पर मेरी जिला प्रशासन ने इस कदर बेज्जती की की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आगे आकरमेरे लिए कुर्सी लगवानी पड़ेगी। जिला प्रशासन के इस कार्य स्थानी की मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वीडियो शर्मा से शिकायत कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक अपनी शिकायत बताते हुए

राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक अपनी शिकायत बताते हुए

राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि ने कहा कि इस घटना से मैं बहुत ही आहत हुई हूं क्योंकि जब प्रोटोकाल अधिकारी वहां थे, कलेक्टर थे, इसके बावजूद भी मेरा अपमान किया गया। राज्यसभा सांसद ने कहा कि मेरे साथ जो भी घटनाक्रम हुआ वह या तो जानबूझकर किया गया है, या फिर पद की गरिमा नही है, या फिर प्रशासनिक अधिकारी अनूसूचित जाति होंने के कारण सुमित्रा बाल्मिक की बेइज्जती कर रहें है। राज्यसभा सांसद ने अपने साथ हुए बर्ताव की शिकायत नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से की है।

मंच पर हजारों लोगों के सामने हुई बेइज्जती से सुमित्रा बाल्मिक बेहद आहत है। नम आंखों से उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत पर जल्द ही प्रदेश का नेतृत्व निर्णय लेगा। राज्यसभा सांसद नें कहा कि प्रशासनिक अधिकारी ना सिर्फ मेरी बल्कि जिले की जनता की उपेक्षा करते आ रहें है। राज्यसभा सांसद नें यह भी कहा कि इतने बड़े कार्यक्रम में विवेक तनखा को भी नही बुलाया इससे यह समझा जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी मस्ती में चूर है। राजस्थान सांसद ने कहा कि यह शिकायत सीएम तक पहुंच गई है और मुझे भरोसा है कि वह इस पर गंभीर होकर जरूर कुछ ना कुछ निर्णय लेंगे।

इसी मंच पर बैठना था राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक को

इसी मंच पर बैठना था राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक को

इससे पहले भी राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने अभद्रता की थी। जुलाई 2022 में नगरीय निकाय चुनाव में सागर प्रचार के लिए पहुंचीं राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक अधिकारियों के बर्ताव से नाराज हुई थी। सुमित्रा बाल्मिक बीजेपी महापौर प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए जब सागर गई थीं, उन्हें सर्किट हाउस में ठहराया गया था। शाम को जब वे प्रचार कर कमरे में वापस लौटीं तो उनका सामान बगैर किसी सूचना के दूसरे कमरे में बिखरा मिला, इससे सुमित्रा बाल्मिक नाराज हो गईं। सुमित्रा ने इसे अपना अपमान बताया था। सर्किट हाउस में बिना अनुमति कमरा बदलने के मामले में सागर डीएम ने एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया था, वहीं सिटी मजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जबलपुर में सांसद सुमित्रा बाल्मिक के साथ जो अभद्रता की है वह कलेक्टर ने की है, ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि कलेक्टर पर कौन कार्रवाही करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जबलपुर जिला प्रशासन के द्वारा छपवाए गए आमंत्रण पत्र पर राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक का नाम तो नहीं लिखा गया, हां यह जरूर हुआ कि जिन वीआईपी का नाम कार्ड में लिखा था उस पर भी जिला प्रशासन ने लिखने में गलतियां कर डाली। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के नाम की जगह फग्गल सिंह कुलस्ते लिखा गया। जिस पर भी भाजपा नेताओं ने आपत्ति उठाई है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस कार्ड में सुमित्रा बाल्मिक में का नाम नहीं लिखा गया

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस कार्ड में सुमित्रा बाल्मिक में का नाम नहीं लिखा गया

भाजपा अनुसूचित राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा की गई अभद्रता को लेकर कांग्रेस भी अब मैदान में उतर आई है। कांग्रेस महापौर जगत बहादुर सिंह अनु ने इसे राज्यसभा सांसदों का अपमान बताया है। महापौर ने कहा कि जबलपुर के प्रशासनिक अधिकारियों के इस बर्ताव को देखते हुए मैं आज ही एक पत्र राष्ट्रपति, पीएम को लिख रहा हूं, और मांग करूंगा कि जो प्रथा प्रदेश में चल रही है, उसे समाप्त किया जाए।

कांग्रेस के महापौर ने भी आमंत्रण कार्ड में नाम ना लिखने पर जताई आपत्ति

कांग्रेस के महापौर ने भी आमंत्रण कार्ड में नाम ना लिखने पर जताई आपत्ति

योग दिवस निमंत्रण में इनका था नाम…जबलपुर शहर के गैरिसन ग्राउंड में 21 जून को योग दिवस पर जो कार्यक्रम हुआ था उसमें इनविटेशन कार्ड में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद , केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, डॉ मंजूपरा महेंद्रभाई , मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद राकेश सिंह का नाम लिखा था।

योग दिवस पर राज्यसभा सांसद विवेक तंखा की भी उपेक्षा की गई जिसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया। विवेक तंखा ने अपनी ट्वीट में लिखा कि ” 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस। योग दिवस एवं भारत का गौरव है। उपराष्ट्रपति जी जबलपुर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि है। प्रदेश और शहर प्रशासन ने इस पुनीत अवसर को बीजेपी का इवेंट बना दिया है। इतने महत्वपूर्ण दिन और @ VPIndia के कद के प्रख्यात व्यक्ति के साथ इंसाफ नही किया।

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का ट्वीट

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का ट्वीट

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