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सागर20 मिनट पहले
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प्रतिकात्मक फोटो।
सागर के जैसीनगर थाना क्षेत्र के तीन साल पुराने मर्डर के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शिवबालक साहू की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए हत्या के आरोपी धीरेंद्र पाठक और गनेश गौंड को दोषी करार दिया और दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि 9 अप्रैल 2020 को फरियादी निर्भय ने जैसीनगर थाने में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि वह खेती किसानी का काम करता है। उसके 6 लड़के व 1 लड़की है। सबसे छोटा बेटा प्रवेंद्र उम्र 18 साल है। वह पेट्रोल पंप सागर पर काम करता था। लॉकडाउन होने से 15-20 दिन से वह गांव सेमरा गोपालमन में रह रहा था। प्रवेंद्र और धीरेंद्र पाठक की गांव की एक युवती से बातचीत होती थी। इसी बात को लेकर धीरेंद्र पाठक ने प्रवेंद्र को युवती से बात करने से मना किया और रंजिश पाल ली। 8 अप्रैल 2020 की दोपहर करीब 2.30 बजे धीरेंद्र ने प्रवेंद्र और उस लड़की को बात करते हुए देख लिया। जिसके बाद धीरेंद्र ने प्रवेंद्र को ठिकाने लगाने का मन बना लिया।
लड़की से बात की तो ईंट व पत्थरों से मारकर हत्या की
रात करीब 10 बजे आरोपी धीरेंद्र अपने दोस्त गनेश के साथ घर आया और प्रवेंद्र को साथ ले गया। उस समय फरियादी और उसकी पत्नी सीलरानी थे। करीबन 1 घंटे के बाद प्रवेंद्र लौटकर नहीं आया तो परिवार के लोग उसको देखने के लिए गए। जहां देखा तो आरोपी धीरेंद्र और गनेश प्रवेंद्र को गनेश गौड़ के घर के पास बने बाड़े में जान से मारने की नियत से ईंट और पत्थरों से मार रहे थे। खींचते हुए लेकर आ रहे थे। फरियादी ने बेटे को बचाने की कोशिश की तो आरोपियों ने गालीगलौज शुरू कर दी। जान से मारने की धमकी दी। शोर मचाने पर गांव के लोग आ गए। जिन्हें देखकर आरोपी मौके से भाग गए। मारपीट में प्रवेंद्र क सिर, आंख में गहरी चोट लगी थी। उसे गंभीर अवस्था में परिवार वाले जैसीनगर अस्पताल लेकर जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ही प्रवेंद्र की मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
गवाह और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सुनाई सजा
घटनाक्रम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। आरोपी धीरेंद्र पाठक और गनेश गौंड के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया। आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। मामले में पुलिस ने वारदात के साक्ष्य जुटाने और जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य और दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। वारदात के प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही कराई। डीएनए रिपोर्ट पेश की। सुनवाई के दौरान अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी धीरेंद्र और गनेश को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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