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24 मिनट पहले
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उज्जैन के पास गाँव बकानिया में ग्रामीणों ने गौ सेवा की अनोखी मिसाल पेश की है।गाय की मौत के बाद बेंड बाजे के साथ धूम धाम से निकली गाय की शव यात्रा।जिसमे बड़ी संख्या में महिला पुरुष और बच्चे शामिल हुए। अब गाय की याद में मृत्यु भोज भी किया जाएगा।
बकानिया में एक गाय की मौत के बाद अनोखी और प्रेरणा देने वाली अंतिम यात्रा निकाली गई। सहायक सचिव जितेंद्र डामेचा ने बताया की गाय का नामा मीरा रखा था बचपन में छोटी थी तब कही से गाँव में आ गई थी वो बीते 15 वर्षो से गाँव में रहती थी ना किसी को मारती और ना ही किसी का नुकसान करती थी। इस कारण पुरे गाँव की लाड़ली गाय बन गई थी। 11 मई को उसकी मौत हो जाने से ग्रामीणों से सोचा की गाय की यात्रा धूम धाम से निकाली जाएगी। जिसके बाद बेंड बजाए मंगवाकर अंतिम यात्रा में बेंड और ढोल का इंतजाम कर बड़ी संख्या में महिला पुरुष एकत्रित होकर अंतिम विदाई देने पहुंचे।
गाय की अंतिम यात्रा में भीड़
17 मई को मृत्यु भोज भी देंगे
गौ भक्ति की अनोखी परम्परा में डूबे ग्रामीणों ने नम आँखों से मीरा (गाय) को अंतिम विदाई समाधी के रूप में दी गई। बकानिया निवासी लाखन सिंह राठौर ने बताया कि पुरे गाँव में यात्रा निकालकर गाय का अंतिम संस्कार सरकारी गौशाला की जमीन पर किया गया। इससे पहले गाय की यात्रा शुरू होने से पहले महिलाओं ने गाय को साडी उड़ाई, हार फूल माला पहनाई, धुप दी गई, अब 17 मई को मृत्यु भोज में ग्रामीणों को आमंत्रण देंगे।
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