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इंदौर37 मिनट पहले
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स्वच्छ इंदौर के बाद स्वस्थ इंदौर की परिकल्पना योगाभ्यास द्वारा ही सार्थक हो सकती है। योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी 85 वार्डों में निगम द्वारा योग केंद्र की स्थापना की जा रही है।
यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने योग मित्र अभियान के तहत माधव सृष्टि स्थल पर श्री गुरुजी सेवा न्यास एवं इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मालवा प्रांत के कार्यवाह विनीत नवाथे ने कहा कि योग शरीर ही नहीं, मन और बुद्धि की भी अकड़न और जकड़न दूर करने का नाम है। योग इन तीनों के ही नियमन, संयमन, संतुलन और समन्वय का साधन है।
यम-नियम को साध कर ही शेष छह अंग सधेंगे
नवाथे ने कहा कि अष्टांग योग के प्रथम अंग यम के पांच उपांग हैं- सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह। द्वितीय अंग “नियम” के पांच उपांग हैं शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्राणिधान। यम-नियम को साध कर ही शेष छह अंग सधेंगे। इनकी साधना की सीख ही भगवान महावीर ने दी है। अतः इस वर्ष भगवान महावीर का पुण्य स्मरण करते हुए योगाभ्यास करना चाहिए। एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि योग प्रिवेंटिव और क्यूरेटिव दोनों है। यही एकमात्र विधा है जिसमें दोनों गुण विद्यमान है। इस अवसर पर 68 वर्षीय योग साधक इंद्र कुमार द्वारा लगातार 1011 सूर्य नमस्कार कर इस आयु वर्ग में वर्ल्ड रिकॉर्ड हेतु दावा पेश किया गया।
सामूहिक योगाभ्यास किया
अतिथियों का स्वागत श्री गुरुजी सेवा न्यास के प्रकल्प संयोजक गोपाल गोयल ने किया। धन्यवाद अभिभाषण अध्यक्ष डॉ. मुकेश मोढ़ ने प्रस्तुत किया। सामूहिक योगाभ्यास के पूर्व योग साथियों ने विभिन्न योग आसनों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विक्रम देसाई सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने सामूहिक योगाभ्यास किया।
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