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ग्वालियर22 मिनट पहले
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शहर के बड़े सरकारी दफ्तरों में लोगों से संबंधित महत्वपूर्ण रिकाॅर्ड भी रखा है, लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। राजधानी के सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद सरकारी दफ्तरों में आग से सुरक्षा के इंतजामों को लेकर उठे सवालों के बाद मंगलवार को दैनिक भास्कर की टीम ने शहर के सरकारी दफ्तरों का जायजा लिया तो हालात गंभीर दिखाई दिए।
- फायर एनओसी देने वाले ननि मुख्यालय में फायर सिस्टम नहीं
- कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत और एसपी ऑफिस में भी इंतजाम नहीं
- इमारतों के फायर ऑडिट का दावा लेकिन हकीकत उलट
1 ननि मुख्यालय- रिकॉर्ड पूरी तरह असुरक्षित
शहरभर की इमारतों का फायर ऑडिट करना और निर्माण के दौरान फायर सिस्टम लगवाने पर अनापत्ति देने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसी के सिटी सेंटर मुख्यालय की इमारत में न तो पाइप सिस्टम लगाया गया है और न ही आग बुझाने वाले सिलेंडर लगाए गए हैं। भास्कर टीम को कर्मचारियों ने बताया कि कुछ समय पहले दो-चार लाल सिलेंडर टंगे दिखाई देते थे, उन्हें भी अब हटा दिया।
2 कलेक्ट्रेट- सिर्फ नाम का फायर सिस्टम
जिला प्रशासन के इस मुख्यालय में रोजाना एक हजार से अधिक लोगों का आना- जाना है। यहां लोगाें से जुड़ा रिकाॅर्ड भी रखा है। यहां दीवारों पर आग बुझाने के लिए छोटे सिलेंडर तो टंगे हुए हैं, लेकिन इमारत के निर्माण के दौरान लगाया गया फायर सिस्टम अनदेखी का शिकार है। यहां पाइप तो लगे हुए हैं, लेकिन न तो उन्हें ऑपरेट करने के वाल्व हैं और न ही इसमें लगने वाला पाइप।
3 जिला पंचायत- बचाव का इंतजाम नहीं
न्यू कलेक्ट्रेट से आगे बने आलीशान भवन में निर्माण एजेंसी ने न तो फायर सिस्टम लगाया है और न जिम्मेदारों ने यहां आग बुझाने के सिलेंडर लगाना जरूरी समझा। लगभग 30 कमरों वाला यह भवन दो मंजिला है। आधा सैकड़ा से अधिक अधिकारी-कर्मचारी यहां बैठते हैं। रोजाना लोगाें का आना-जाना भी इस दफ्तर में लगा रहता है। इसके साथ पंचायतों से संबंधित रिकार्ड भी यहां रखा हुआ है।
4 जिला न्यायालय – सिर्फ सर्वर रूम में लगे सेंसर
तीन मंजिला भवन में केवल सर्वर रूम में ही सेंसर लगे हैं, जो धुएं और तापमान के आधार पर काम करते हैं। यहां सेंसर लगाने का मुख्य उद्देश्य सर्वर रूम में रखे उपकरणों को हर हाल में सुरक्षित रखना है। इसके अलावा न्यायालय के अन्य हिस्सों में सीमित संख्या में अग्निशमन यंत्र (एबीसी) लगे हैं। इनका वजन 6 किलोग्राम है। हाई कोर्ट की बात करें तो कोर्ट बिल्डिंग में सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं।
5 एसपी ऑफिस- फायर सिस्टम नहीं, आग बुझाने वाले सिलेंडर रीफिलिंग के लिए भेजे
सिटी सेंटर स्थित इस इमारत में फायर सिस्टम नहीं है। दीवारों पर आग बुझाने के सिलेंडर भी दिखाई नहीं दिए। यहां डेढ़ सौ अधिकारी- कर्मचारी बैठते हैं। यहां 500 से अधिक लोगाें का रोजाना आना-जाना रहता है। अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने वाले सिलेंडर तो इमारत में लगे हुए हैं, इन्हें रीफिलिंग के लिए भेजा गया था। जल्द ही लगवा दिए जाएंगे।
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