Sun. Oct 13th, 2024

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अशोकनगरएक घंटा पहले

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अशोकनगर के आरोन रोड स्थित नर्सरी के पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस फट चुके हैं। इनके अंदर लगे नन्हे फलदार और फूलदार पौधे सूरज की तेज किरणों से सूख जाएंगे। इससे बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं जबकि इस समय भी गर्मी का असर बढ़ने लगा है। छोटे पौधे तेज गर्मी सहन नहीं कर पाएंगे, ऐसे में वह पौधे सूखने लगेंगे, जिसके कारण नर्सरी से बारिश के सीजन में पर्याप्त बहुत ही मिलना संभव नहीं हो पाएगा।

पर्यावरण के वातावरण को बनाए रखने के लिए पेड़ पौधे लगाना आवश्यक है। प्रशासन के द्वारा पेड़ पौधे लगाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले में कई नर्सरी लगवाई जाती हैं जिला मुख्यालय पर भी नर्सरी है। इस नर्सरी से बारिश के मौसम में आसपास के गांव के लोग पेड़ पौधे लेकर जाते हैं, जिससे पेड़ पौधों की संख्या भी बढ़ती है साथ ही ही पर्यावरण का संतुलन भी बना रहता है। नर्सरी में ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस बनाए गए थे जिनके अंदर पौधे तैयार किए जाते हैं। जैसे ही वह 4 से 6 महीने के हो जाते हैं तो पौधे लगाने लायक हो जाते हैं। बारिश का सीजन खत्म होने के बाद नर्सरी के ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस में आधे से भी अधिक पौधे भरे हुए हैं।

छोटे आकार के पौधे है ऐसे में उनके ऊपर का छत हट जाने के कारण अब वह खुले में आ गए हैं। ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस में केवल लोहे के एंगल दिखाई दे रहे हैं उनके ऊपर लगाया मेटी पुरी तरह से फट चुका है। गर्मियों के मौसम में जैसे-जैसे गर्मी की रफ्तार बढ़ेगी वैसे ही उन्हें पौधों का जिवित रह पाना मुश्किल हो जाएगा।

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अशोकनगर के आरोन रोड स्थित नर्सरी के पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस फट चुके हैं। इनके अंदर लगे नन्हे फलदार और फूलदार पौधे सूरज की तेज किरणों से सूख जाएंगे। इससे बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं जबकि इस समय भी गर्मी का असर बढ़ने लगा है। छोटे पौधे तेज गर्मी सहन नहीं कर पाएंगे, ऐसे में वह पौधे सूखने लगेंगे, जिसके कारण नर्सरी से बारिश के सीजन में पर्याप्त बहुत ही मिलना संभव नहीं हो पाएगा।

पर्यावरण के वातावरण को बनाए रखने के लिए पेड़ पौधे लगाना आवश्यक है। प्रशासन के द्वारा पेड़ पौधे लगाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले में कई नर्सरी लगवाई जाती हैं जिला मुख्यालय पर भी नर्सरी है। इस नर्सरी से बारिश के मौसम में आसपास के गांव के लोग पेड़ पौधे लेकर जाते हैं, जिससे पेड़ पौधों की संख्या भी बढ़ती है साथ ही ही पर्यावरण का संतुलन भी बना रहता है। नर्सरी में ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस बनाए गए थे जिनके अंदर पौधे तैयार किए जाते हैं। जैसे ही वह 4 से 6 महीने के हो जाते हैं तो पौधे लगाने लायक हो जाते हैं। बारिश का सीजन खत्म होने के बाद नर्सरी के ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस में आधे से भी अधिक पौधे भरे हुए हैं।

छोटे आकार के पौधे है ऐसे में उनके ऊपर का छत हट जाने के कारण अब वह खुले में आ गए हैं। ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस में केवल लोहे के एंगल दिखाई दे रहे हैं उनके ऊपर लगाया मेटी पुरी तरह से फट चुका है। गर्मियों के मौसम में जैसे-जैसे गर्मी की रफ्तार बढ़ेगी वैसे ही उन्हें पौधों का जिवित रह पाना मुश्किल हो जाएगा।

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