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7 मिनट पहले
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उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल ने हुए 13.54 करोड़ के डीपीएफ गबन कांड में रोजाना नए नए खुलासे हो रहे है। उषा राज की गिरफ्तारी के समय पुलिस को पता चला था कि फरवरी माह में उसने एक 44 लाख की कार बुक कराई थी लेकिन वो खरीद नहीं सकी थी। दरअसल अब खुलासा हुआ की उषा राज गबन राशि को कार में खपाना चाहती थी लेकिन सरकार की गाइड लाइन के कारण नहीं ले पाई थी।
जेल काण्ड के खुलासे से पहले फरवरी माह में उषा राज गबन की राशि से लक्ज़री कार खरीदना चाहती थी। वो जल्द से जल्द राशि को खपा कर केश ख़त्म करना चाह रही थी। इसी दौरान वह बेटी पावली,रिपुदमन और जगदीश परमार को लेकर इंदौर स्थित किया शो रूम पर कार खरीदने गई थी। वहां पर किया कार्निवाल कार को पसंद कर फाइनल डील कर ली थी। कार जगदीश परमार के नाम पर खरीदनी थी उसके लिए उषा राज कुछ लोन और शेष अमाउंट 15 लाख नगद भुगतान करना चाहती थी। लेकिन कार खरीदने के बीच सरकार का नियम आड़े आ गया और उनकी कार का सपना टूट गया। किया कम्पनी इंदौर के सेल्स एग्जीक्यूटिव ने बताया कि मेडम और उनके साथ तीन चार लोग उज्जैन से दो तीन बार शोरूम पर आए थे। लेकिन डील फाइनल हो जाने के बाद भी उन्होंने कार नहीं ली। दरअसल वो 15 लाख केश देकर गाडी लेना चाहती थी। पत्रकार जगदीश परमार ने भी एक वीडियो वायरल कर इस बात का खुलासा किया था की कार मेरे नाम से बुक जरूर की गई थी लेकिन वो कार उषा राज खुद के लिए खरीदना चाहती थी।
44 लाख की कार खरीदी में सरकार का नियम आड़े आया
किया कार के सेल्स एग्जीक्यूटिव आमिर ने बताया कि कार लेने के लिए मेडम तैयार थी लेकिन वो केश में 15 लाख रुपए देना चाहती थी जबकि सरकार का नियम है कि केश में हम 1.90 हजार तक ही ले सकते है। उन्हें नियम बताया तो उन्होंने ज्यादा से ज्यादा केश में डील करने की बात की और कहा की बाकी का बाकी का लोन हो जायेगा। इस पर मेडम को कई बार समझने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्होंने अपना फोन बंद कर लिया। इसके बाद बात नहीं हुई।
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