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इंदौर24 मिनट पहले

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‘मैंने पीसीसी चीफ कमलनाथ के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि मुझे सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने टिकट देकर लड़ाइए। मेरे पिता का अपमान हुआ है, जिसका मुझे बदला लेना है। मंजूरी मिल जाए तो मैं अभी से चुनावी तैयारियों में जुट जाउंगा।’

ये बात पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने कुछ समय पहले मीडिया से कांग्रेस जॉइन करने के पहले कही थी। तब जोशी ने कहा था कि पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी उनके इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है। इसके बाद उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

लगता है कांग्रेस ने उनके इस प्रस्ताव को सच में गंभीरता से ले लिया है, क्योंकि कांग्रेस की तरफ से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। कांग्रेस जॉइन करने के बाद जोशी पहली बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी में एंट्री करने वाले हैं। वे क्यों बुधनी जा रहे हैं।

बुधनी विधानसभा की सीमा कहां-कहां तक है। अगर वे बुधनी से चुनाव लड़ते हैं, तो क्या समीकरण दीपक जोशी के पक्ष में हो सकते हैं। खुद को बुधनी विधानसभा में जोशी कितना कम्फर्टेबल पाएंगे, जानिए सब कुछ सिलसिलेवार…

पहले ये जान लीजिए की कांग्रेस बुधनी विधानसभा में जोशी की एंट्री कहां से करने जा रही है

दरअसल, सीहोर जिले और बुधनी विधानसभा के भैरुंदा (नसरूल्लागंज) में कांग्रेस गुरुवार 18 मई को संविधान बचाओ सभा करने जा रही है। सभा भैरुंदा के न्यू बस स्टैंड पर दोपहर 2.30 बजे से होगी। इसे लेकर बीते कुछ दिनों से कांग्रेसी तैयारियों में जुटे हैं। बड़ी संख्या में यहां कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगाने की तैयारी कांग्रेस ने की है।

जिला कांग्रेस कमेटी सीहोर और बुधनी विधानसभा के कार्यकर्ताओं को सभा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभा के मुख्य अतिथि सज्जन सिंह वर्मा है, जबकि विशेष अतिथि दीपक जोशी होंगे। इस तरह बुधनी विधानसभा में जोशी की एंट्री कांग्रेस ने भैरुंदा से करने की तैयारी की है।

18 मई को भेरुंदा में होगी संविधान बचाओ सभा। जिसमें दीपक जोशी विशेष अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।

18 मई को भेरुंदा में होगी संविधान बचाओ सभा। जिसमें दीपक जोशी विशेष अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।

सोशल मीडिया के माध्यम से सभा का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। देवास की सोनकच्छ विधानसभा सीट से विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपने ट्विटर हैंडल से सभा के संबंध में एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वे कह रहे है कि “संविधान बचाओ सभा लेने भैरुंदा जा रहा हूं।

बाबा साहब अंबेडकर के लिखे हुए संविधान की मूल भावनाओं को नरेंद्र मोदी साहब ने दफन किया। शिवराज सिंह चौहान ने दफन किया। जो 25 हजार झूठ बोले हैं शिवराज सिंह चौहान ने। प्रदेश की जनता से जो झूठे वादे किए हैं ,उस झूठ का पर्दाफाश करने मैं बुधनी विधानसभा जा रहा हूं। आप सब साथियों से अनुरोध है, आइए इन झूठों का मुकाबला हमें करना है।”

दीपक जोशी ने भी अपनी फेसबुक पर बुधवार को सभा से जुड़ी एक पोस्ट डाली है, जिसमें पोस्टर के साथ लिखा है कि सबको साथ आना है, संविधान बचाना है। संविधान बचाओ सभा में अवश्य पधारें। उनके अलावा प्रदीप अहिरवार और रामू टेकाम भी सभा में शामिल होंगे।

3 कारण जो जोशी की दावेदारी को बुधनी सीट से मजबूत करते हैं

– 80 के दशक में दीपक जोशी भोपाल में छात्र राजनीति में उतरे थे। दीपक भले ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता थे, लेकिन कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं से भी उनके अच्छे संबंध थे। दीपक पॉलिटिकल एडजस्टमेंट में माहिर हैं। हमीदिया कॉलेज की पॉलिटिक्स करते हुए वहां विद्यार्थी परिषद का नेतृत्व दीपक जोशी ही करते थे।

भोपाल में छात्र राजनीति दीपक ने की और बुधनी विधानसभा भोपाल से सटे सीहोर जिले में आती है। दीपक के लिए बुधनी और उसके आसपास का इलाका नया नहीं है। बुधनी विधानसभा विदिशा लोकसभा सीट में आती है और इसमें देवास जिले की खातेगांव सीट भी शामिल है।

देवास और सीहोर जिले के नक्शे में 172 नंबर पर हाटपीपल्या विधानसभा सीट है। 173 पर खातेगांव विधानसभा सीट है और 156 पर बुधनी विधानसभा सीट है। नक्शे में देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि बुधनी और खातेगांव विधानसभा सीट की सीमा एक-दूसरे से कनेक्टेड है। सीहोर और देवास जिले की सीमाएं भी एक दूसरे से सटी हुई हैं।

देवास और सीहोर जिले के नक्शे में 172 नंबर पर हाटपीपल्या विधानसभा सीट है। 173 पर खातेगांव विधानसभा सीट है और 156 पर बुधनी विधानसभा सीट है। नक्शे में देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि बुधनी और खातेगांव विधानसभा सीट की सीमा एक-दूसरे से कनेक्टेड है। सीहोर और देवास जिले की सीमाएं भी एक दूसरे से सटी हुई हैं।

– बुधनी विधानसभा की सीमा देवास जिले की खातेगांव विधानसभा सीट तक आती है। खातेगांव विधानसभा सीट से दीपक जोशी पिछले विधानसभा चुनाव में लड़ने की तैयारी में थे, क्योंकि वो भी उनका ही बेल्ट है। खातेगांव सीट बागली-हाटपीपल्या से लगी हुई है।

बागली सीट पर जोशी परिवार का दखल रहा है। भोपाल आने-जाने के लिए खातेगांव और बुधनी विधानसभा में से ही होकर गुजरना पड़ता है, क्योंकि सभी क्षेत्र एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं। मंत्री रहते हुए भी उनकी क्षेत्र में सक्रियता रही है। ऐसे में वहां के लोगों के लिए दीपक जोशी एकदम से नया नाम और चेहरा नहीं है।

लोग उन्हें जानते-पहचानते हैं। आष्टा-सोनकच्छ तरफ से भी देवास जिले की सीमा सीहोर जिले की सीमा से मिलती है। ऐसे में बुधनी सीट और सीहोर जिला जोशी के लिए अंजान या बहुत दूर जाकर चुनाव लड़ने जैसा नहीं है।

– दीपक जोशी के पिता स्व.कैलाश जोशी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका भी क्षेत्र के लोगों से खास जुड़ाव रहा है। उन्हें भी सभी लोग जानते थे। इसका लाभ भी जोशी को मिलेगा। स्व.कैलाश जोशी की साफ-स्वच्छ छवि रही है। दीपक जोशी पर भी अपने अब तक के राजनीतिक करियर में भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे है।

– उनकी पहचान भी साफ सुथरे राजनेता के तौर पर है। वहीं कांग्रेस शिवराज सरकार पर जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है।

7 बार भाजपा और 5 बार कांग्रेस जीती बुधनी

सीहोर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है और वे बुधनी विधानसभा से विधायक हैं। साल 2003 से बुधनी विधानसभा सीट भाजपा के पास है तब राजेंद्र सिंह राजपूत विधायक चुने गए थे। उसके बाद से लगातार चार बार से शिवराज सिंह चौहान यहां से विधायक हैं।

बीजेपी के इस गढ़ को भेदने के लिए कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा चुकी है, लेकिन भेद नहीं पा रही है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज के सामने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।

2013 में कांग्रेस ने महेंद्र सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया था। दोनों बाहरी थे। कांग्रेस यहां से अब तक स्थानीय से लेकर बाहरी नेताओं तक को मौका दे चुकी है,लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। 15 वर्ष पहले जरूर कांग्रेस ने स्थानीय प्रत्याशी महेश सिंह राजपूत को चुनाव लड़ाया था। अभी भी कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं है।

प्रदेश के गठन के बाद से बुधनी विधानसभा सीट पर अब तक सात बार भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे जबकि एक बार जनसंघ और एक बार जनता पार्टी। पांच चुनावों में कांग्रेस जीती तो दो में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे।

करीब दस दिन पहले कांग्रेस जॉइन करने दीपक जोशी पिता कैलाश जोशी की तस्वीर साथ लेकर भोपाल PCC दफ्तर पहुंचे थे।

करीब दस दिन पहले कांग्रेस जॉइन करने दीपक जोशी पिता कैलाश जोशी की तस्वीर साथ लेकर भोपाल PCC दफ्तर पहुंचे थे।

दीपक जोशी का पॉलिटिकल करियर

1983 – भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारी समिति के सदस्य रहे।

1984 – हमीदिया कॉलेज भोपाल के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए।

1991 – बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की कार्यकारी परिषद के सदस्य बने। 1994 तक इसके सदस्य रहे।

2000 – भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बने।

2003 – बागली विधानसभा क्षेत्र से 12वीं विधानसभा के लिए चुने गए।

2008 – हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

2013 – हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र से जीते। तीसरी बार विधायक बने। शिवराज सरकार में मंत्री बने।

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